
पंजाब में पराली के लगातार जलने से आबो-हवा में प्रदूषण बढ़ रहा है। शुक्रवार को मंडी गोबिंदगढ़ व बठिंडा की एक्यूआई खराब श्रेणी में दर्ज किया गया जो क्रमवार 218 और 205 रहा।
वहीं, पांच शहरों का एक्यूआई येलो जोन में दर्ज किया गया। इनमें जालंधर का 182, खन्ना का 178, अमृतसर का 149, लुधियाना का 142 और पटियाला का 148 दर्ज किया गया। पंजाब में वीरवार को पराली जलाने के 100 मामले सामने आए। इससे कुल मामलों की गिनती बढ़कर अब 3384 पहुंच गई है।
संगरूर अब भी पहले स्थान पर
पराली जलाने में सीएम भगवंत मान का जिला संगरूर 566 मामलों के साथ पहले स्थान पर बना है। वहीं, तरनतारन 541 मामलों के साथ दूसरे और 334 मामलों के साथ फिरोजपुर तीसरे स्थान पर है।
संगरूर, तरनतारन और फिरोजपुर के बाद अमृतसर से पराली जलाने के सबसे अधिक 280 मामले, बठिंडा से 234, पटियाला से 191, कपूरथला से 111, मानसा से 154, मुक्तसर से 162, मोगा से 178, लुधियाना से 125, बरनाला से 70, मालेरकोटला से 69, जालंधर से 57, फाजिल्का से 76, फरीदकोट से 77, फतेहगढ़ साहिब से 35, एसएएस नगर से 29, होशियारपुर से 15 मामले सामने आए।
शुक्रवार को मोगा में पराली जलाने के 13 मामले, मुक्तसर में 16, संगरूर में 9 मामले, लुधियाना में 12. फिरोजपुर में नौ, बठिंडा में छह, अमृतसर में 1, मानसा में दो और पटियाला में भी दो सामने आए। पराली जलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई भी जारी है। पंजाब में छह नवंबर तक 1367 मामलों में 71 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 37 लाख 40 हजार रुपये की वसूली कर ली गई है। इसके साथ ही 1092 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और 1328 रेड एंट्री की गई हैं।




