मध्यप्रदेशराज्य

जल्द शुरू होंगी मध्य प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां

भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर गुरुवार को भाजपा के संगठन और राज्य सरकार के बीच एक प्रमुख समन्वय बैठक हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा व राजेंद्र शुक्ला, वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री प्रहलाद पटेल, मंत्री राकेश सिंह शामिल हुए। बैठक में भाजपा संगठन और सत्ता के बीच समन्वय को लेकर चर्चा हुई। बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने बताया कि एसआईआर के विषय पर चर्चा हुई, जिसमें बीएलए-1 और बीएलए-2 भाग लें। साथ ही कार्यकर्ता एसआईआर को गंभीरता से लेने को लेकर चर्चा हुई। खंडेलवाल ने बताया कि इसके अलावा बिहार चुनाव में हमारे कार्यकर्ता गए, उनके अनुभव के अलावा हमारे कई कार्यक्रम चल रहे है, जिनको लेकर चर्चा हुई। इसमें आत्मनिर्भर भारत, सरदार पटेल, वंदे मारतम समेत कई कार्यक्रम चल रहे है। साथ ही संगठन की सक्रियता को लेकर बैठक में चर्चा हुई।

हालांकि बताया जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों के साथ मंत्रियों के कामकाज को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिसंबर में सरकार के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रस्तावित विशेष आयोजनों की योजना को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बैठक संगठन व प्रशासन के बीच मजबूत समन्वय स्थापित करने तथा भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है।

बता दें मध्य प्रदेश में लंबे इंतजार के बाद अब निगम-मंडल और प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियों का रास्ता साफ होता दिख रहा है। भाजपा संगठन और सत्ता के बीच इस मुद्दे पर मंथन लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है। बताया जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद इन नियुक्तियों की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से इस विषय पर चर्चा कर चुके हैं। भाजपा के केंद्रीय संगठन ने “एक पद फॉर्मूले” को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसका अर्थ यह है कि एक व्यक्ति को एक ही पद की जिम्मेदारी दी जाएगी, जिससे संगठन और सरकार दोनों में संतुलन बना रहे।

पूर्व मंत्री और विधायक भी सूची में शामिल
निगम-मंडल की तैयार सूची में कई दिग्गज नेताओं के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। इनमें पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया, रामनिवास रावत और इमरती देवी के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता और अंचल सोनकर के नामों पर भी विचार चल रहा है, हालांकि अंतिम फैसला अभी बाकी है। संगठन का मानना है कि इन नियुक्तियों में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन बनाए रखना जरूरी है, ताकि हर वर्ग और क्षेत्र को प्रतिनिधित्व मिल सके।

संगठन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी मिलेगा मौका
पूर्व विधायक और संगठन से जुड़े कई सक्रिय कार्यकर्ता भी इस सूची में शामिल बताए जा रहे हैं। इनमें ध्रुवनारायण सिंह, संजय शुक्ला, अलकेश आर्य और कलसिंह भाबर के नाम चर्चा में हैं। साथ ही पूर्व संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी, पूर्व संभागीय प्रभारी विजय दुबे, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य केशव भदौरिया, पूर्व प्रदेश महामंत्री विनोद गोटिया, पूर्व जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया, कार्यसमिति सदस्य श्याम सुंदर शर्मा, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष संजय नगाइच, पूर्व निगम अध्यक्ष शैतान सिंह पाल और सुनील पांडे के नाम भी संभावित सूची में शामिल हैं।

फरवरी में रद्द हुई थीं पिछली नियुक्तियां
गौरतलब है कि फरवरी 2024 में राज्य सरकार ने सभी 46 निगम-मंडलों की राजनीतिक नियुक्तियां रद्द कर दी थीं। तब से लेकर अब तक संगठन में नए चेहरों की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं जारी थीं। अब बिहार चुनाव संपन्न होने के बाद इन नियुक्तियों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस बार किसी गुट या क्षेत्र विशेष को तरजीह देने के बजाय ऐसे चेहरों को आगे लाने की रणनीति पर काम कर रही है जो संगठन और सरकार के बीच समन्वय बना सकें। इसमें युवा नेताओं और सक्रिय कार्यकर्ताओं को भी प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है।

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