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गाजा में सैनिक भेजने के मसले पर पाक में मुनीर का विरोध

कभी मुस्लिम हितों की रक्षा करने वाले सेनापति कहे गए पाकिस्तानी फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अब अपने ही जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। मसला गाजा में अंतरराष्ट्रीय सेना में हिस्सेदारी का है, वहां पर पाकिस्तानी सैनिकों की टुकड़ी जल्द भेजी जा सकती है।

इस आशय के संकेत मिलने मात्र से पाकिस्तान में मुनीर और सरकार का विरोध शुरू हो गया है। कहा जाने लगा है कि मुनीर अपने लालच के चलते इजरायल समर्थित गाजा समझौते में शामिल होने जा रहे हैं। अमेरिका की मध्यस्थता वाले शांति समझौते में गाजा में तैनात होने वाली अंतरराष्ट्रीय सेना की बड़ी भूमिका होगी।

इजरायल से लगने वाली सीमा पर तैनात होंगे सैनिक

यह सेना वहां पर हमास से हथियार लेने, उसे सत्ता से हटाने, हमास का ढांचा खत्म करने, शांति व्यवस्था कायम रखने और इजरायल से लगने वाली सीमा की सुरक्षा का कार्य करेगी।

जानकार मानते हैं कि इन सभी बातों से अंतत: इजरायल को लाभ होगा। अमेरिका का प्रयास है कि अंतरराष्ट्रीय सेना में मुस्लिम देशों के सैनिक तैनात हों जिससे हमास को व्यवस्थित तरीके से खत्म करने के प्रयास की कोई आलोचना न कर पाए।

पाकिस्तान में शुरू हुआ मुनीर का विरोध

फलस्तीन मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय सेना अमेरिका की शांति योजना में वही कार्य करेगी जिसे करने का इजरायल का लक्ष्य है। इसी बात को समझकर पाकिस्तान में मुनीर का विरोध शुरू हो गया है। पाकिस्तान का कट्टरपंथी तबका नहीं चाहता है कि पाकिस्तानी सैनिक अंतरराष्ट्रीय सेना का हिस्सा बनकर हमास के खिलाफ काम करें।

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