अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप ने सऊदी को F-35 देने पर लगाई मुहर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब को अत्याधुनिक F-35 लड़ाकू जेट बेचने की मंजूरी देकर मध्य-पूर्व की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। क्राउन प्रिंस बिन सलमान की वॉशिंगटन यात्रा से ठीक पहले आया यह एलान ट्रंप की एब्राहम अकॉर्ड्स को आगे बढ़ाने की कोशिशों से जुड़ा है, जबकि दूसरी ओर इस्राइल की सुरक्षा चिंताएं और टेक्नोलॉजी चीन तक जाने का खतरा अब भी बड़ा सवाल खड़ किए हुए है।

ट्रंप ने सोमवार को सऊदी अरब को लड़ाकू जेट देने वाली बात का एलान करते हुए कहा कि वे सऊदी अरब को F-35 फाइटर जेट बेचेंगे। उन्होंने सऊदी अरब को अमेरिका का मजबूत सहयोगी बताया। साथ ही सऊदी अरब के साथ लंबी रणनीतिक साझेदारी का हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा कि वे एक महान साथी रहे हैं। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपनी पहली महत्वपूर्ण यात्रा पर वॉशिंगटन पहुंचे हैं, सात साल बाद यह उनका पहला अमेरिकी दौरा है।

बेचने का वादा, इस सवाल के जवाब में ट्रंप क्या बोल?

हालांकि इस इसी से संबंधित मामले में ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह F-35 जेट बेचने का वादा निभाएंगे, तो उन्होंने सीधा जवाब दिया कि हम यह करेंगे। हम F-35 बेचेंगे। बता दें कि क्राउन प्रिंस बिन सलमान की उम्मीद थी कि ट्रंप प्रशासन उन्हें सैन्य सुरक्षा की गारंटी देगा और साथ ही अमेरिका में निर्मित अत्याधुनिक F-35 लड़ाकू विमानों की खरीद का समझौता भी तय किया जाएगा।

मध्य-पूर्व में ट्रंप की शांति योजना, लेकिन नहीं होगा आसान, समझिए

यह घोषणा ट्रंप के मध्य-पूर्व में शांति योजना के हिस्से के रूप में आई है। ट्रंप चाहते हैं कि सऊदी अरब और इस्राइल के बीच एब्राहम अकॉर्ड्स फिर से विस्तार पाएं, वह इसे मध्य-पूर्व में दीर्घकालीन स्थिरता के लिए बेहद अहम मानते हैं। ट्रंप ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सऊदी अरब बहुत जल्द एबराहम अकॉर्ड्स में शामिल होगा।

लेकिन इस राह में बाधाएं भी कम नहीं हैं। सऊदी अरब ने स्पष्ट किया है कि फ़लस्तीनी राज्य के लिए एक सुनिश्चित रास्ता उनकी सहमति की शर्त हो सकता है और यह इस्राइल की मजबूत अस्वीकृति का विषय है। हालांकि इस मामले में तीन अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो, ट्रंप की दूसरी पारी के अंत तक इस पर सौदा हो सकने की अंतिम आशा है, मगर यह पूरी तरह सुनिश्चित नहीं है।

2020 में ही बनी थी जेट बेचने की योजना

गौरतलब है कि 2020 में ट्रपं प्रशासन ने पहले ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को 50 F-35 जेट बेचने की योजना बनाई थी, जो लगभग 23 अरब डॉलर का बड़ा हथियार सौदा था, लेकिन बाद में उस प्रस्ताव पर विवादों और राजनीतिक मसलों के चलते कार्रवाई ठप हो गई। माना जा रहा है कि इस घोषणा के साथ, ट्रंप एक बड़े भू-राजनीतिक खेल में आगे बढ़ रहे हैं, जहां सैन्य बिक्री, मध्य-पूर्व में शांति और अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकताएं आपस में गहराई से जुड़ी हुई हैं।

Related Articles

Back to top button