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इस वित्त वर्ष जीडीपी के 1.7% पर पहुंच सकता है चालू खाता घाटा

टैरिफ दबाव के कारण देश का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2026 में बढ़कर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। बैंक ने पहले 1.2 प्रतिशत का अनुमान लगाया था।

चालू खाता घाटा (CAD) तब होता है जब किसी देश के वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी के आयात का कुल मूल्य उसके निर्यात और अन्य आय के कुल मूल्य से अधिक होता है। यह दर्शाता है कि देश में आने वाले धन की तुलना में देश से बाहर जाने वाला धन अधिक है।

त्योहारी मांग के कारण व्यापार घाटे को कुछ दबाव पड़ा

रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि त्योहारी मांग के कारण व्यापार घाटे पर कुछ दबाव पड़ने की संभावना है। हालांकि, वस्तुओं, खासकर तेल की कम कीमतें, समग्र प्रभाव को सीमित करने में मदद कर सकती हैं।

तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भारत के लिए सकारात्मक

बैंक ने कहा कि तेल की कम कीमतों से भारत के बाहरी संतुलन को मदद मिल सकती है, क्योंकि देश का चालू खाता कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। रिपोर्ट के अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में हर 10 डॉलर प्रति बैरल के उतार-चढ़ाव से भारत के सालाना करंट अकाउंट बैलेंस पर लगभग 15 अरब डॉलर का असर पड़ता है। यानी तेल की कीमतें कम होने पर भारत के व्यापार समीकरणों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना अधिक रहती है।

हालांकि, रिपोर्ट ने आगाह किया कि कमोडिटी कीमतों, खासकर क्रूड में उतार-चढ़ाव, और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते में जारी गतिरोध के चलते निर्यात कमजोर रहने का खतरा CAD के अनुमानों पर दबाव डाल सकता है।

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के जल्द पूरा होने की उम्मीद

इसमें में यह भी बताया गया है कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता अंतिम चरण में है और इसके नवंबर के अंत तक पूरा होने की संभावना है। समझौते के तहत टैरिफ में बड़ी कटौती हो सकती है, जो 50% से घटकर 15 से 16% के दायरे में आने का अनुमान है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही निकट भविष्य में इसका प्रभाव सीमित हो सकता है, लेकिन इस समझोते से समय के साथ भारत के निर्यात आधार को मजबूती मिलने व आगामी तिमाहियों में व्यापार संतुलन के दबाव को आंशिक रूप से संतुलित करने की उम्मीद है।

भारत का व्यापार घाटा अक्तूबर में बढ़कर 41.68 अरब डॉलर पहुंच गया

आंकड़ों के अनुसार, भारत का व्यापारिक व्यापार घाटा अक्तूबर 2025 में बढ़कर 41.68 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जबकि पिछले महीने यह 32.15 अरब डॉलर था। यह आंकड़ा बाजार की उम्मीदों से अधिक रहा, जो देश के व्यापार संतुलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

त्योहारों में सोने की कमी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची

अक्तूबर में सोने की कमी भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, क्योंकि त्यौहारों और शादी-विवाह के मौसम की मांग के साथ-साथ वर्ष के शुरू में आयात में कमी के बाद रुकी हुई खरीदारी के कारण सोने का प्रवाह तेजी से बढ़ा। हालांकि नवम्बर में सोने के आयात की मात्रा में कमी आने की उम्मीद है, ऊंची कीमतों के बावजूद मजबूत निवेश मांग के कारण इसके मूल्य में वृद्धि बनी रहने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारी सीजन के बाद सोने की मांग स्थिर हो जाएगी, लेकिन पिछले महीनों की तुलना में यह अधिक बनी रहेगी।

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