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राजस्थान को मिलेगी सस्ती बिजली, कोयला खदानों के पास लगेगा थर्मल प्लांट

राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम और तेलंगाना के सरकारी उपक्रम सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी (एससीसीएल) मिलकर एक बड़ा ऊर्जा प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं। दोनों की संयुक्त कंपनी बनाई जा रही है, जिसमें राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम की 26 फीसदी और एससीसीएल की 74 फीसदी इक्विटी होगी।

उत्पादन निगम के अधिकारियों के अनुसार यह प्रोजेक्ट लागत के मामले में उपभोक्ताओं के लिए भी फायदेमंद होगा, क्योंकि थर्मल प्लांट तेलंगाना में कोयला खदानों के नजदीक लगाया जा रहा है। इससे कोयला परिवहन खर्च घटेगा और लागत 5 रुपए 60 पैसे प्रति यूनिट रहने का अनुमान है। जबकि, अभी नए पावर परचेज एग्रीमेंट में 6 रुपए यूनिट से ज्यादा आ रही है।

2028 तक पूरा होगा थर्मल प्लांट का काम

सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी के पास खुद के कोल ब्लॉक्स होने से कोयला आपूर्ति भी आसानी से हो सकेगी। थर्मल प्लांट का निर्माण बीएचईएल करेगी और काम वर्ष 2028 तक पूरा होने का दावा किया जा रहा है। एक दिन पहले ही राजस्थान सरकार की कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है।

एक-दूसरे राज्यों को करेंगे बिजली सप्लाई

प्रोजेक्ट के तहत तेलंगाना में 800 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट और राजस्थान में 1500 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जाएगा। थर्मल प्लांट से बिजली राजस्थान को मिलेगी, जबकि सोलर प्लांट से मिलने वाली ऊर्जा तेलंगाना को सप्लाई की जाएगी।

दोनों राज्यों के लिए अहम मॉडल साबित होगा

सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी के साथ हमारा संयुक्त प्रोजेक्ट दोनों राज्यों के लिए ऊर्जा सहयोग का एक अहम मॉडल साबित होगा। कोयला खदान के निकट थर्मल प्लांट स्थापित होने से उत्पादन लागत आएगी, जिससे प्रदेश के उपभोक्ताओं को भी सहूलियत होगी।

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