दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति के बयान पर अमेरिका का सख्त रुख

दक्षिण अफ्रीका में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन का अमेरिका द्वारा बहिष्कार किए जाने पर व्हाइट हाउस ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने कहा कि अमेरिका आधिकारिक बातचीत का हिस्सा नहीं है और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति द्वारा लगाए जा रहे दावे पूरी तरह गलत हैं।
लेविट ने कहा अमेरिका दक्षिण अफ्रीका में जी20 की आधिकारिक वार्ताओं में भाग नहीं ले रहा है। आज मैंने देखा कि दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ बयान दे रहे थे, जिसे राष्ट्रपति और उनकी टीम बिल्कुल पसंद नहीं करती। उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में मौजूद अमेरिकी राजदूत का उद्देश्य केवल अगले जी20 मेजबान देश के रूप में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करना है। लेविट ने कहा वे सिर्फ कार्यक्रम के अंत में होने वाले औपचारिक ‘सेन्ड-ऑफ’ में शामिल हैं, न कि किसी भी आधिकारिक बातचीत में, जैसा कि दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति गलत तरीके से दावा कर रहे हैं।
ट्रंप और न्यूयॉर्क के मेयर-इलेक्ट जोहरान मदानी की बैठक पर भी प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव ने ट्रंप और न्यूयॉर्क के मेयर-इलेक्ट जोहरान मदानी की होने वाली मुलाकात पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि मेयर-इलेक्ट कल व्हाइट हाउस आएंगे। हमारी टीमें बैठक की तैयारियां कर रही हैं। लेविट ने टिप्पणी करते हुए कहा यह बहुत कुछ दर्शाता है कि कल व्हाइट हाउस में एक कम्युनिस्ट आने वाला है क्योंकि डेमोक्रेट पार्टी ने देश के सबसे बड़े शहर के लिए उन्हें चुना है। लेकिन यह भी दिखाता है कि राष्ट्रपति ट्रंप किसी से भी मिलने और बातचीत करने के लिए तैयार हैं, चाहे वे किसी भी राजनीतिक विचारधारा से हों। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अमेरिकी लोगों के हित में काम करना चाहते हैं, चाहे वे रेड स्टेट में रहते हों, ब्लू स्टेट में या ऐसे शहरों में जो अब पहले से ज्यादा वामपंथी होते जा रहे हैं।
अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के संबंध
गौरतलब है कि अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के बीच तनातनी को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप के कदम से दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण व्यापारिक रिश्ते और खराब हो सकते हैं। ट्रंप पहले ही दक्षिण अफ्रीकी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगा चुके हैं और कुछ गोरे किसानों को राजनीतिक शरण देने की पेशकश कर चुके हैं। ऐसे में अब आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका के साथ जुड़े कुछ देश भी ट्रंप के समर्थन में सम्मेलन से हट सकते हैं। G20 शिखर सम्मेलन इस सप्ताहांत जोहानसबर्ग में होना है, जिसमें दुनिया के कई शीर्ष नेता शामिल होंगे।




