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सर्दियों में साग बनाते समय इन गलतियों से बचें, ताकि बढ़ जाए उसका स्वाद

सर्दियों का मौसम शुरू होते ही घर-घर में हरी सब्जियों की खुशबू फैलने लगती है। खासकर सरसों, पालक, मेथी या अन्य हरे साग इस मौसम में सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं। इस मौसम में बनने वाले साग न सिर्फ ताजगी देते हैं, बल्कि शरीर को गर्माहट और विटामिन भी प्रदान करते हैं।

इसी के चलते लगभग हर घर में साग तो बनता है। पर, क्या आप जानते हैं कि अक्सर कुछ छोटी-छोटी गलतियों के कारण इसका स्वाद और पौष्टिकता कम हो जाती है। इसलिए इसे बनाते समय सावधानी रखना बेहद जरूरी है।

इस लेख में हम बता रहे हैं कि साग बनाते समय लोग कौन-कौन सी आम गलतियां कर बैठते हैं, और इन्हें कैसे आसानी से दूर करके स्वादिष्ट, पोषक और एकदम देसी फ्लेवर वाला साग तैयार किया जा सकता है।

पत्तियों को ठीक से साफ न करना

साग को अच्छी तरह से साफ करना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि साग की पत्तियों में धूल, मिट्टी और कभी-कभी छोटे कीड़े भी लगे होते हैं। अगर पत्तियों को 2–3 बार अच्छे से न धोया जाए तो खाना न सिर्फ खराब होता है बल्कि सेहत पर भी असर पड़ता है। आप इसे गर्म पानी में भी धो सकते हैं। यदि आप साग को गर्म पानी में धोएंगे तो ये अच्छी तरह से साफ होगा।

सख्त हिस्सों को साथ पकाना

अक्सर लोग साग की पत्तियों के साथ उसके टाइट हिस्सों को भी पकने रख देते हैं। जबकि ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। ये बात ध्यान रखें कि साद के सख्त वाले हिस्से कई बार कड़वे होते हैं। इसके अलावा दोनों चीजों को एक साथ पकाने से साग जल्दी नहीं गलता और स्वाद कड़वा पड़ सकता है। इसलिए पत्तियों को हमेशा अलग से उबालें।

बहुत ज्यादा पानी डाल देना

साग में पानी की सही मात्रा का होना बेहद जरूरी है। इसमें पानी हमेशा कम ही रखना चाहिए। ज्यादा पानी डालने पर साग पतला और बेस्वाद हो जाता है। साग हमेशा धीमी आंच पर अपने पानी में पकने दें। धीमी आंच पर साग पकने से इसका स्वाद अच्छा होता है।

बार-बार चलाना

इसे कभी भी बार-बार चलाएं नहीं। ध्यान रखें कि साग को लगातार चलाने से इसका रंग काला पड़ जाता है। इसे खुद से ही धीरे-धीरे पकने देना ज्यादा बेहतर होता है। इससे साग का स्वाद बहुत ही अच्छा आता है।

ज्यादा समय तक पकाना

बहुत देर तक उबालने से साग के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसे बस इतना पकाएं कि इसके पत्ते गल जाएं। थोड़ी देर में इसे हल्का पकाकर और अंत में तड़का लगाकर इसे खाने के योग्य बनाया जा सकता है।

गलत तड़का लगाना

साग में सही तड़के का होना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि साग का स्वाद तड़के से ही उभरता है। कई लोग बहुत तेज मसाले डाल देते हैं जिससे उसका देसी स्वाद दब जाता है। देसी घी, लहसुन और लाल मिर्च का हल्का तड़का सबसे बेहतरीन माना जाता है।

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