अन्तर्राष्ट्रीय

यूक्रेन पीस प्लान पर डेडलाइन देने के बाद अब नरम क्यों पड़े ट्रंप?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए 28-पॉइंट शांति प्रस्ताव पेश किया है। इसको लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को सख्त चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा कि यह उनका ‘फाइनल ऑफर’ नहीं है और बदलाव संभव हैं। लेकिन जेलेंस्की को गुरुवार तक इस पर सहमति देनी होगी, वरना अमेरिकी खुफिया और सैन्य सहायता पर खतरा मंडरा सकता है।

दरअसल, ट्रंप से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या उनका 28-सूत्रीय प्रस्ताव- जिसमें यूक्रेन को कुछ इलाकों को छोड़ना, अपनी सेना कम करना और नाटो में कभी शामिल न होने का वादा करना शामिल है, क्या ये यूक्रेन के लिए उनका अंतिम ऑफर है।

इस पर ट्रंप ने जवाब दिया नहीं, यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने की उनकी योजना उनका अंतिम प्रस्ताव नहीं है और उन्हें उम्मीद है कि “किसी न किसी तरह” लड़ाई बंद हो जाएगी।

स्वीकार करना ही होगा

ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “उन्हें यह पसंद आना ही होगा, अगर उन्हें यह पसंद नहीं आता, तो फिर उन्हें लड़ते रहना चाहिए। किसी न किसी मोड़ पर उन्हें कुछ न कुछ तो स्वीकार करना ही होगा।” ट्रंप ने कहा कि हम इसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। किसी न किसी तरह, हमें इसे खत्म करना ही होगा।

हस्ताक्षर नहीं किए तो…

ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को कड़े शब्दों में चेतावनी दी गई है कि उन्हें ‘हकीकत स्वीकार करनी होगी’ और अमेरिका-रूस की ओर से तैयार प्लान पर सहमत होना होगा। ट्रंप ने जेलेंस्की को 27 नवंबर गुरुवार तक की डेडलाइन दी है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि अगर यूक्रेन ने समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए तो अमेरिका का समर्थन कमजोर हो सकता है।

पुतिन बातचीत के लिए तैयार…

इधर ट्रंप की इस 28-सूत्रीय प्रस्ताव को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने इस योजना पर ठंडी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि वो इसके विकल्प पेश करेंगे। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वे इस योजना के विवरण पर चर्चा करने को तैयार हैं, लेकिन अगर कीव ने इसे ठुकराया तो मॉस्को फरवरी 2022 में शुरू किए गए अपने हमले को आगे बढ़ाता रहेगा।

एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ इस योजना पर चर्चा के लिए रविवार को जिनेवा पहुंचेंगे। यूरोपीय अधिकारियों के भी स्विट्जरलैंड पहुंचने की उम्मीद है।

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