SIR के बीच एमपी में खुला बड़ा रहस्य, वोटर लिस्ट के नामों में बड़ी गड़बड़ी

मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले की देवतालाब विधानसभा-72 में एसआईआर फॉर्म को लेकर गंभीर गड़बड़ी सामने आई है। नईगढ़ी तहसील के उमरिया व्यौहरियान गांव की रानी तिवारी के क्यूआर कोड स्कैन करने पर उनका नाम प्रदेश के 35 अलग-अलग क्षेत्रों में, अलग-अलग उम्र के साथ दर्ज नजर आ रहे हैं।
चौंकाने वाली बात ये है कि ‘रानी तिवारी’ कभी उस इलाके में गई ही नहीं, जहां उनके नाम दर्ज हैं। ऐसे में उन क्षेत्रों से नाम जुड़वाने का सवाल ही नहीं उठता। कांग्रेस वर्किंग कमेटी सदस्य और पूर्व विधायक कमलेश्वर पटेल ने इसे सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कहा- ‘मध्य प्रदेश में एसआईआर नहीं, बल्कि वोट चोरी अभियान चल रहा है। देवतालाब विधानसभा में मतदाता सूची में भारी हेरफेर पकड़ी गई है। एक महिला का नाम इंदौर, ग्वालियर, भोपाल जैसे शहरों तक में दर्ज होना प्रक्रिया पर बड़ा सवाल है।’
यही नहीं, उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि, भाजपा और चुनाव आयोग की साठगाठ से ये संगठित तंत्र मताधिकार पर सीधा हमला है। उन्होंने दावा किया कि, राहुल गांधी जिन वोट चोरी नेटवर्क की बात पूरे देश में उठा रहे हैं, वो हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद अब मध्य प्रदेश में भी उजागर होना शुरु हो गया है। कमलेश्वर पटेल ने कहा कि चुनाव आयोग जल्दबाजी में एसआईआर प्रक्रिया के जरिए नई मतदाता सूची इसलिए बनवा रहा है ताकि गड़बड़ियां पकड़ में न आएं और भाजपा वोट चोरी में सफल हो सके। देवतालाब में एसआईआर प्रक्रिया की यह बड़ी गड़बड़ी अब प्रदेश भर में सवालों की बौछार खड़ी कर रही है।





