
राजधानी दिल्ली में जहरीली धुंध का कहर जारी है। इंडिया गेट और कर्तव्य पथ जैसे प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 267 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। वहीं, आनंद विहार और आईटीओ जैसे इलाकों में स्थिति और भी गंभीर है, जहां एक्यूआई 325 के पार पहुंच गया है, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, इन क्षेत्रों में जहरीली धुंध की मोटी परत छाई हुई है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक स्तर पर है।
24 दिन बाद बेहद खराब से खराब श्रेणी में पहुंची हवा
लगातार 24 दिनों से 350 से अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के बीच जहरीली हवा में सांस ले रहे राजधानीवासियों को रविवार सुबह कुछ राहत मिली, जब एक्यूआई 300 से नीचे आकर 279 दर्ज किया गया।
दिल्ली की तरह एनसीआर में नोएडा में भी एक्यूआई 279 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा में 268, गाजियाबाद में 256 और गुरुग्राम में 245 एक्यूआई दर्ज किया गया। फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 176 दर्ज किया गया। यह हवा की मध्यम श्रेणी है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, वाहन से होने वाला प्रदूषण 18.614 फीसदी रहा। इसके अलावा पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण 0.967, निर्माण गतिविधियों से 2.805, पेरिफेरल उद्योग से 3.679 और आवासीय इलाकों की भागीदारी 4.574 फीसदी रही।
सीपीसीबी के अनुसार, रविवार को हव उत्तर पश्चिम दिशा से 5 किलोमीटर प्रतिघंटे के गति से चली। वहीं, अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1000 मीटर रही। इसके अलावा, वेंटिलेशन इंडेक्स 7000 मीटर प्रति वर्ग सेकंड रहा। दूसरी ओर, दोपहर चार बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 224.7 और पीएम2.5 की मात्रा 119.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि सोमवार तक हवा बेहद खराब श्रेणी में ही बरकरार रहेगी। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।



