राष्ट्रीय

‘ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान पर पड़ा आर्थिक दबाव, नौसेना प्रमुख दिनेश का बयान

नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सुरक्षाबलों की कार्रवाई से पाकिस्तान को हुए नुकसान का विस्तृत ब्योरा साझा किया। नेवी चीफ ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना के आक्रामक रवैये से पाकिस्तानी नौसेना को अपने बंदरगाहों के करीब रहने को ही मजबूत होना पड़ा।

अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि मई में भारत की तरफ से शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है और नौसेना ने तब से लेकर अब तक अभियानगत तैयारी जारी रखी है। पाकिस्तान से तनाव के बीच नौसेना की निगरानी पश्चिमी अरब सागर क्षेत्र तक बढ़ी है।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की आक्रामक रणनीति और कैरियर बैटल ग्रुप की तुरंत तैनाती से पाकिस्तानी नौसेना मकरान तट पर अपने बंदरगाहों के पास ही रहने को मजबूत हो गई थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान पर आर्थिक दबाव बढ़ा है, क्योंकि बड़ी संख्या में व्यापारी पोत इस देश में जाने से बच रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान जाने वाले पोतों की बीमा की राशि भी बढ़ी है।

नौसेना में जल्द शामिल होगी स्वदेशी न्यूक्लियर सबमरीन
एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि जल्द ही स्वदेशी न्यूक्लियर बैलिस्टिक सबमरीन आईएनएस अरिदमन को जल्द ही नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नौसेना को उम्मीद है कि 2029 तक राफेल-एम के चार लड़ाकू विमानों का पहला बेड़ा मिल जाएगा।

उन्होंने इसके अलावा प्रोजेक्ट 75 की भी जानकारी दी, जिसके तहत भारत को छह आधुनिक सबमरीन खरीदनी हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए बातचीत जारी है और जल्द ही अनुबंध पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

Related Articles

Back to top button