
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बुधवार को सदन का माहौल पूरी तरह से राजनीतिक तकरार और हंगामे से भरा रहा। विपक्षी भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार को उसके सात वचनों की याद दिलाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया। भाजपा विधायक नीरा यादव ने हाथों में तख्ती लेकर फिल्मी गीत “क्या हुआ तेरा वादा, भूल गए वो दिन…” गाकर सरकार पर तंज कसा। उनके इस अंदाज में अन्य भाजपा विधायक भी शामिल हुए और सरकार की वादाखिलाफी को जनता के सामने रखने की कोशिश की।
भाजपा विधायकों का आरोप है कि हेमंत सोरेन की सरकार ने सत्ता में आने से पहले सात प्रमुख वादे किए थे, जिनमें साढ़े चार सौ रुपये में गैस सिलिंडर, हर साल दस लाख युवाओं को रोजगार, तथा गरीबों को समय पर छात्रवृत्ति जैसे मुद्दे शामिल थे। लेकिन सरकार एक भी वचन पर खरी नहीं उतर सकी है। उनका कहना है कि सरकार विकास योजनाओं की बजाय बालू और संसाधनों की बंदरबांट में व्यस्त है। छात्रवृत्ति, विधवा पेंशन और मइया सम्मान योजना जैसी कई लाभकारी योजनाएं ठप पड़ी हैं, जिससे जनता निराश है। बीजेपी विधायकों ने कहा कि सात वचनों को पूरा होने तक वे सदन से सड़क तक आंदोलन जारी रखेंगे।
जहरीली गैस रिसाव पर भी उदासीन है ये सरकार
इधर मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके पास कोई ठोस आंकड़ा नहीं है और वे सिर्फ बालू जैसे मुद्दों से जनता को भटका रहे हैं। भाजपा विधायक रागिनी सिंह ने कहा कि सदन में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है और सरकार धनबाद कोलियरी क्षेत्र में हो रहे जहरीली गैस रिसाव पर भी उदासीन है।
भाजपा पर ड्रामेबाजी का आरोप लगाया
विधायक पूर्णिमा साहू ने भी सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया। वहीं, कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की और मंत्री दीपिका सिंह पांडेय ने बीजेपी पर ड्रामेबाजी का आरोप लगाया और कहा कि खजाना खाली करने का काम 2014-2019 में भाजपा सरकार ने ही किया था। कुल मिलाकर, सदन का वातावरण पूरे दिन हंगामेदार बना रहा।




