नाइजीरिया में आर्मी ने की प्रदर्शनकारी महिलाओं पर फायरिंग

उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया के अदामावा राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर सेना के जवानों ने गोलियां चलाईं, जिसमें कम से कम 9 महिलाओं की मौत हो गई। यह आरोप प्रदर्शनकारियों और पीड़ित परिवारों ने लगाया है। घटना सोमवार को लामुर्दे इलाके में हुई।
गवाहों और पीड़ितों के परिजनों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, महिलाएं स्थानीय समुदायों के बीच चल रहे हिंसक झड़पों और सेना की कथित लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। इसी दौरान सेना के जवानों ने रास्ता रोके जाने पर फायरिंग कर दी। फायरिंग में 10 अन्य लोग घायल हुए हैं।
हालांकि नाइजीरियन आर्मी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि प्रदर्शनकारियों की मौत सेना की गोली से नहीं, बल्कि स्थानीय सशस्त्र समूहों (मिलिशिया) की कार्रवाई में हुई है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने गवाहों और पीड़ित परिजनों के बयान के आधार पर दावा किया है कि फायरिंग सेना ने की। एमनेस्टी नाइजीरिया के निदेशक ईसा सनुसी ने कहा कि यह घटना दिखाती है कि सेना के मानवाधिकार उल्लंघन का रवैया अब भी नहीं बदला है।
अदामावा में हाल के महीनों में बाचामा और चोबो समुदायों के बीच जमीन को लेकर लगातार झड़पें हो रही हैं। इसी के चलते इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि सुरक्षा बल कर्फ्यू लागू कराने में नाकाम हैं, जिससे हिंसा थम नहीं रही है। एक पीड़ित पिता ने बताया, “सैनिक संघर्ष वाले इलाके से लौट रहे थे और रास्ते में महिलाओं को देख अचानक एक जवान ने हवा में गोली चलाई, फिर बाकी सैनिकों ने सीधा फायर कर दिया।”
नाइजीरिया में सुरक्षा बलों पर इस प्रकार की कार्रवाइयों के आरोप पहले भी लगे हैं। 2020 में लागोस में पुलिस अत्याचार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी सेना पर गोलीबारी और “हत्याकांड” के आरोप लगे थे। एमनेस्टी ने इस घटना की स्वतंत्र जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।



