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सांसों पर आपातकाल: दिल्ली-एनसीआर में घुट रहा दम! येलो अलर्ट जारी

दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू हवा से परेशानी को कोहरे और ठंड ने और बढ़ा दिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज यानी मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा एक खुशखबरी है कि दिल्ली एनसीआर में आज से हवाएं रफ्तार पकड़ेंगी, जिस वजह से प्रदूषण में कमी आ सकती है।केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली की हवा में मानकों से लगभग साढ़े चार गुना ज्यादा प्रदूषण मौजूद है। सोमवार को लगातार तीसरे दिन हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। जहरीली गैस से बचने के लिए लोगों ने एन95 मास्क का सहारा लेते नजर आए। इससे लोगों को आंख में जलन व सांस के मरीजों को परेशानी हुई।

दूसरी ओर, एनसीआर में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 447 दर्ज किया गया, यह हवा की गंभीर श्रेणी है। वहीं, गाजियाबाद में 444, नोएडा में 437 और गुरुग्राम में 345 एक्यूआई दर्ज किया गया। फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 211 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।

सोमवार दोपहर पांच बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 373 और पीएम2.5 की मात्रा 250.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि मंगलवार से बृहस्पतिवार के बीच हवा के बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। इस कारण सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन, खांसी, खुजली, सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश हुई
दिल्ली के लोग 14 अक्तूबर के बाद से ही प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। मई, जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीने दिल्ली में इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी।इस कारण हवा भी काफी साफ रही थी, लेकिन मॉनसून की वापसी के बाद से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा। दिल्ली-एनसीआर की हवा में पीएम 10 का स्तर रविवार की शाम 5 बजे 449.2 और पीएम 2.5 का औसत स्तर 297.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया था। यानी दिल्ली-एनसीआर की हवा में मानकों से लगभग साढ़े चार गुना ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।

कई इलाकों में आपातकालीन स्तर
सीपीसीबी के मानकों के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से 500 तक होने पर उसे गंभीरतम श्रेणी में रखा जाता है। 500 से ऊपर के सूचकांक की गणना नहीं की जाती है। यह माना जाता है कि 500 के ऊपर आपात स्थिति शुरू हो जाती है। वजीरपुर का वायु गुणवत्ता सूचकांक शाम के समय 500 के अंक पर पहुंच गया था, कुछ अन्य इलाके ऐसे थे जहां 500 के अंक तक पहुंचने के करीब रहा।

अभी राहत के आसार नहीं
राजधानी को प्रदूषित हवा से अभी राहत मिलने के आसार नहीं है। प्रदूषण की जो स्थिति है, उससे कोई बड़ी मौसमी परिघटना ही दिल्ली को बचा सकती है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा ग्रेप की सर्वोच्च पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं। इसके बावजूद प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आई है।

दिसंबर में दूसरी बार इतनी खराब हवा
इस बार नवंबर में हवा की रफ्तार पहले की तुलना में तेज रही। इस कारण प्रदूषण का स्तर भी पहले की तुलना में कम रहा। दिसंबर में भयावह प्रदूषण देखने को मिल रहा है। सीपीसीबी द्वारा वर्ष 2015 के अप्रैल महीने में वायु गुणवत्ता सूचकांक की यह प्रणाली शुरू की गई थी। अभी तक देखें तो दिसंबर महीने में यह दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित दिन है। दिसंबर महीने के लिए सबसे ज्यादा प्रदूषित दिन 21 दिसंबर 2017 को रहा था, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 469 के अंक पर पहुंच गया था।

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