
झारखंड के खूंटी महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रस्तावित महिला कॉलेज का शिलान्यास सोमवार को ग्रामीणों के विरोध के कारण स्थगित करना पड़ा। मामला शहर के एसडीए मिशन स्कूल के पीछे स्थित खूंटीटोली क्षेत्र का है, जहां राज्य सरकार ने करीब 54 करोड़ रुपये की लागत से महिला कॉलेज निर्माण की स्वीकृति दी है।
जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2023 में कॉलेज के लिए लगभग पांच एकड़ भूमि चिन्हित की गई थी और शिलान्यास को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। स्थानीय विधायक रामसूर्या मुंडा को सोमवार को शिलान्यास करना था। हालांकि, कार्यक्रम से पहले ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और जमीन को अपनी रैयती भूमि बताते हुए विरोध शुरू कर दिया।
ग्रामीण अपने-अपने भूमि से संबंधित कागजात लेकर विधायक के समक्ष पहुंचे और दावा किया कि वर्ष 1972 से इस जमीन पर उनका कब्जा है तथा वे नियमित रूप से सरकार को लगान भी अदा कर रहे हैं। विरोध करने वालों में महेश्वर राम गैंझु, राजकुमार राम गैंझु, रंजन राम गैंझु, अनूप कुमार राम, अनुज कुमार राम, परमानंद कुमार, संदीप कुमार, सुदीप कुमार, सुजीत कुमार, प्रभु राम, गणेश कुमार गैंझु, शशिकांत सहित कई ग्रामीण शामिल थे।
शिलान्यास कार्यक्रम तत्काल स्थगित कर दिया
ग्रामीणों का कहना था कि यह भूमि गैर मजरुआ खास नहीं, बल्कि रैयती भूमि है और बिना रैयतों की सहमति के किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नियमों के विरुद्ध है। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए विधायक रामसूर्या मुंडा ने शिलान्यास कार्यक्रम तत्काल स्थगित कर दिया।
विधायक ने ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत कागजातों की अंचल कार्यालय में जांच कराने का आश्वासन दिया और अंचलाधिकारी को भूमि से संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल दो दिनों के लिए शिलान्यास कार्यक्रम स्थगित रहेगा। जांच में यदि ग्रामीणों का दावा सही पाया गया तो इस स्थल पर महिला कॉलेज का निर्माण नहीं होगा, लेकिन यदि जमीन सरकारी पाई गई तो कॉलेज का निर्माण हर हाल में किया जाएगा।
जानें विधायक ने क्या चेतावनी दी?
विधायक ने यह भी चेतावनी दी कि जांच के बाद यदि कोई व्यक्ति निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बिरसा वाहिनी के निदेशक विजय मुंडा ने कहा कि रैयती जमीन पर रैयतों की अनुमति के बिना कोई भी निर्माण कार्य गलत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे महिला कॉलेज निर्माण के विरोध में नहीं हैं, लेकिन यह कार्य रैयतों की सहमति से ही होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि रेवा में नॉलेज सिटी निर्माण के लिए रैयतों ने जमीन दी है, लेकिन अब तक वहां निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में रेवा में भी महिला कॉलेज का निर्माण किया जा सकता है।


