झारखंडराज्य

जैक का बड़ा फैसला, ओएमआर शीट पर होगी 9वीं और 11वीं की परीक्षा

झारखंड अधिविद्य परिषद (जैक) ने राज्य के लाखों छात्र–छात्राओं के लिए कक्षा 9वीं व 11वीं से जुड़ा बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है।

जैक ने सत्र 2025-27 के लिए कक्षा 11 में अध्ययनरत नियमित एवं स्वतंत्र विद्यार्थियों के पंजीयन और परीक्षा आवेदन की प्रक्रिया शुरू करने की अधिसूचना जारी कर दी है।

यह पंजीयन वर्ष 2026 में आयोजित कक्षा व 11वीं की परीक्षा और वर्ष 2027 की इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल होने के लिए अनिवार्य होगा। साथ ही कक्षा नौंवी और 11वीं की परीक्षा ओएमआर शीट के माध्यम से आयोजित की जाएगी और सभी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकृति के होंगे।

इससे परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक सरल होगी। जैक का मानना है कि इस व्यवस्था से विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिलेगी।

परिषद की ओर से जारी पत्र के अनुसार ऑनलाइन पंजीयन आवेदन बिना विलंब शुल्क के 18 दिसंबर से 2 जनवरी 2026 तक भरे जा सकेंगे। इस अवधि में चालान 2 जनवरी तक जनरेट किया जा सकेगा, जबकि ऑनलाइन माध्यम से शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 5 जनवरी निर्धारित की गई है।

वहीं, विलंब शुल्क के साथ पंजीयन की सुविधा 3 जनवरी से 9 जनवरी तक उपलब्ध रहेगी और इस श्रेणी में शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 12 जनवरी तय की गई है।

जैक ने स्पष्ट किया है कि 2 जनवरी के बाद जनरेट होने वाले सभी चालान विलंब शुल्क के साथ ही मान्य होंगे। निर्धारित तिथि के बाद पंजीयन फार्म भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा आठवीं बोर्ड परीक्षा 2026 के लिए आवेदन पत्र भरने की 12 दिसंबर से 16 जनवरी तक रखी गई है।

जिस विषय की पढ़ाई, उसी में होगा पंजीयन
जिन छात्र–छात्राओं का पंजीयन काल अधिकतम तीन वर्ष की अवधि पूरी कर चुका है, अर्थात जिनका पंजीयन वर्ष 2021 (सत्र 2021-23) या उससे पहले का है, उन्हें नए सिरे से फ्रेश रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। ऐसे विद्यार्थी कक्षा 11 की परीक्षा 2026 में उत्तीर्ण करने के बाद ही इंटरमीडिएट परीक्षा 2027 में शामिल होने के पात्र होंगे।

परिषद ने यह भी स्पष्ट किया है कि विद्यार्थियों को उसी विषय में पंजीयन की अनुमति दी जाएगी, जिस विषय के शिक्षक संबंधित 2 विद्यालय या इंटर कॉलेज में नियुक्त हों या जहां उस विषय का पठन-पाठन कराया जा रहा हो।

पंजीयन एवं परीक्षा आवेदन में किसी भी प्रकार की त्रुटि की पूरी जिम्मेदारी संबंधित विद्यालय या महाविद्यालय के प्राचार्य एवं नोडल पदाधिकारी की होगी।

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