
गांव ढूकड़ा निवासी सशस्त्र सीमा बल के जवान सुरजीत का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सशस्त्र सीमा बल के जवान सुरजीत का शव गांव में पहुंचा तो पूरा गांव उमड़ पड़ा। गांव में शोक की लहर दौड़ गई। जवान सुरजीत का शव पहले उनके पैतृक गांव गुडियाखेड़ा ले जाया गया। श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद चोपटा से जमाल होते हुए करीब दोपहर 2 बजे उनका पार्थिव शरीर गांव ढूकड़ा लाया गया।
सुरजीत सशस्त्र सीमा बल की यूनिट में गुवाहाटी क्षेत्र में तैनात थे। 15 दिन की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौटने के दौरान गुवाहाटी के निकट सड़क दुर्घटना में 20 दिसंबर को उनका निधन हो गया था। मंगलवार को उनके पुत्र राहुल और अश्वनी ने उन्हें मुखाग्नि दी। जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार अजय कुमार व एसएचओ राधे श्याम ने पुष्पचक्र अर्पित कर जवान को नमन किया।
जवान सुरजीत अपने पीछे पत्नी सीमा रानी, दो बेटे राहुल, अश्वनी, माता कौशल्या देवी, पिता भवरलाल सिंह को छोड़ गए। गांव ढूकड़ा में उनके घर पर कुछ देर जवान के ग्रामीणों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद गांव के चौक में ग्रामीणों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार के दौरान सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ी ने जवान को सलामी दी।
इस दौरान ऐलनाबाद के विधायक भरत सिंह बेनीवाल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सरपंच संतोष बेनीवाल, भाजपा से हनुमान कुंडू प्रकाश ममेरा, सीमा सुरक्षा बल से इंस्पेक्टर मोंटू सिंह, पंचायत समिति चेयरमैन सूरजभान, सरपंच रमेश सहित थाना प्रभारी राधेश्याम बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पहुंचकर वीर सपूत को अंतिम विदाई दी।
पत्नी हो गई बेहोश, परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
जब शहीद सुरजीत का शव घर पर ले जाया गया, तो उनकी पत्नी गश खाकर गिर पड़ी। मां और पिता का रो-रोकर बुरा हाल था। सुरजीत के परिजनों ने अंतिम दर्शन किए तो सभी की आंखों में पानी भर आया। जवान सुरजीत के साथ आए फौजी साथियों ने बताया कि सुरजीत ड्यूटी पर जा रहे थे तो वाहन में पांच जवान सवार थे और अचानक वाहन पलट गया और पांचों का निधन हो गया।





