अगले कुछ दिनों में बदलने वाला है मौसम, कई राज्यों में शीतलहर की चेतावनी

पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में साफ दिखाई देने लगा है। एक सप्ताह तक उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों समेत देश के कई हिस्सों में ठंड और घने कोहरे का दायरा बढ़ता रहेगा। इस दौरान न्यूनतम तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कुछ राज्यों में शीतलहर की चेतावनी भी जारी की है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत के ऊपर इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है और दूसरा 27 दिसंबर तक आने की संभावना है। इन दोनों विक्षोभों के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी का दौर जारी रहेगा, जिसका सीधा असर मैदानी क्षेत्रों में ठंडी हवाओं के रूप में दिखेगा।
बहुत घना कोहरा छाने की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब में 29 दिसंबर तक, उत्तराखंड में 28 दिसंबर तक तथा मध्य प्रदेश में 25 दिसंबर तक रात और सुबह के समय घना से बहुत घना कोहरा छाने की संभावना है। बिहार में 25 दिसंबर तक कुछ इलाकों में घना कोहरा रह सकता है, जिसका 26 से 28 दिसंबर के बीच विस्तार हो सकता है।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और ओडिशा में 28 दिसंबर तक, उप-हिमालयी बंगाल और झारखंड में 25 दिसंबर तक तथा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 24 दिसंबर तक कोहरे का असर बना रह सकता है। उत्तर-पूर्वी भारत में भी 26 दिसंबर तक कोहरा छाने की संभावना जताई गई है।
कई इलाकों में सर्द दिन
इस समय पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के कई इलाकों में सर्द दिन और अत्यंत सर्द दिन की स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग ने बिहार में 28 दिसंबर तक शीत लहर चलने की चेतावनी दी है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिन में धूप न निकलने और तापमान सामान्य से काफी नीचे रहने पर यह स्थिति बनती है। इसका असर खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ सकता है।
एनसीआर में हल्के बादल छाने की संभावना
मौसम विभाग का मानना है कि सर्दी के मौसम में यदि बीच-बीच में वर्षा हो तो प्रदूषण में कमी आती है, लेकिन फिलहाल मैदानी इलाकों में बारिश नहीं हो रही है। हालांकि, हवा की रफ्तार बढ़ने से कुछ क्षेत्रों में कोहरा अस्थायी रूप से छंट सकता है। दिसंबर के अंत तक एनसीआर और आसपास के इलाकों में हल्के बादल छाने की संभावना है। जाहिर है, आने वाले दिनों में ठंड और कोहरे से राहत की उम्मीद कम है।




