
हरियाणा में शीतलहर को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इस बार नए साल पर कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
हरियाणा में ठंड का सितम जारी है। धुंध के साथ कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। एक जनवरी तक ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो दिन कुछ इलाकों में घना कोहरा छाया रह सकता है। दो दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सिरसा, फतेहाबाद व भिवानी में पाला पड़ सकता है। राज्य में सबसे ठंडा गुरुग्राम रहा जहां न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने बताया, शनिवार को भी कई इलाकों में घना कोहरा छाया रहा। इससे अंबाला, सोनीपत, पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत व जींद के कुछ हिस्सों में दृश्यता शून्य से 100 मीटर दर्ज की गई। हालांकि दस बजे के बाद कई इलाकों में धूप भी निकली। मौसम विभाग का कहना है कि एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है, जिसकी वजह से 28 दिसंबर को कुछ इलाकों में तापमान बढ़ेगा। दूसरा पश्चिमी विक्षोभ 30 दिसंबर को सक्रिय होगा, इससे पहाड़ों में बर्फबारी होगी। जिसकी वजह से एक व दो जनवरी को कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। कुल मिलाकर नए साल पर कड़ाके की ठंड के लिए तैयार रहिए। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो दिन घना कोहरा व शीतलहर भी चल सकती है। ऐसे में लोगों को एहतियात बरतनी होगी। शनिवार को दिन व रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
शीतलहर से निपटने के लिए एक्शन प्लान लागू
हरियाणा सरकार के डिजास्टर विभाग ने शीतलहर से निपटने के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने संबंधित विभागों को एक्शन प्लान लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विभाग की ओर से सभी विभागों को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। विभाग के मुताबिक शीतलहर खासकर बुजुर्गों, बच्चों, दिव्यांगजनों, बाहरी कामगारों और बेघरों के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है। विभाग के मंत्री विपुल गोयल की ओर से सभी जिले के उपायुक्तों, संबंधित विभागों, आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों और सामुदायिक संगठनों से कहा गया है कि वे इस एक्शन प्लान को प्रभावी ढंग से लागू करें।
शीतलहर से शरीर में क्या प्रभाव पड़ता है
सर्दी-जुकाम के लंबे समय तक संपर्क में रहने से फ्लू, नाक बहना/बंद होना या नाक से खून आना जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, जो आमतौर पर सर्दी-जुकाम के कारण शुरू होती हैं या बढ़ जाती हैं। कंपकंपी को नजरअंदाज न करें। यह शरीर की गर्मी कम होने का पहला संकेत है। लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से फ्रॉस्टबाइट हो सकती है। त्वचा पीली, सख्त और सुन्न हो जाती है। उंगलियों, पैर की उंगलियों, नाक और कान के निचले हिस्से जैसे खुले शरीर के अंगों पर काले छाले दिखाई देने लगते हैं। गंभीर फ्रॉस्टबाइट के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता और उपचार की आवश्यकता होती है।





