पार्टीयों में टिकट बंटवारे से नाराजगी, कहीं कार का पीछा, तो कहीं शमशान घाट से नामांकन

महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव को लेकर घमासान मचा हुआ है। 30 दिसंबर को नामांकन के आखिरी दिन कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में असंतोष दिखा। नासिक और नागपुर कि घटना इसका केंद्र रही। वहीं मुंबई, जलगांव और अन्य शहरों में टिकट बटवारे को लेकर उम्मीदवार नाराज दिखे। राज्य की 29 नगर निगमों में मतदाता 15 जनवरी को अपने वार्डों के पार्षदों का चुनाव करेंगे। इनमें मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक और ठाणे जैसी प्रमुख नगरपालिकाएं शामिल हैं।
भाजपा उम्मीदवार दिखे नाराज
नासिक में नॉमिनेशन दाखिल करने के आखिरी दिन हंगामा देखने को मिला। भाजपा के नाराज उम्मीदवारों ने कथित तौप पर आधिकारिक प्रत्याशियों को मिलने वाले नामांकन फॉर्म से भरे वाहनों का पीछा किया। भाजपा से टिकट की चाहत रखने वाले लोगों ने नासिक-मुंबई हाईवे पर भाजपा अध्यक्ष सुनील केदार की कार का पीछा किया। इस काफिले में भाजपा विधायकों राहुल ढिकले और सीमा हिरे की कारें भी शामिल थीं।
नासिक में भाजपा के लोग टिकट को लेकर आप में लड़ते नजर आए। वार्ड नंबर 26 में, बीजेपी पदाधिकारी कैलाश अहिरे और विधायक सीमा हिरे के बीच नामांकन पत्र को लेकर बहस होते दिखी। अहिरे ने विधायक पर उनका टिकट काटने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
कई और इलाकों में भी विरोध प्रदर्शन
पंचवटी और न्यू CIDCO जैसे इलाकों के उम्मीदवारों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि नए लोगों के लिए वफादार कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है। यह विवाद उस समय और बढ़ गया, जब भाजपा के पूर्व पार्षद उद्धव निमसे के बेटे और हत्या के आरोप में जेल में बंद रिद्धिश निमसे को टिकट देने के फैसले लिया गया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और जिले के प्रभारी मंत्री गिरीश महाजन ने कहा जो हुआ वह सही नहीं था। हमने हाल ही में भाजपा में शामिल हुए कार्यकर्ताओं से वादे किए थे, और हमें अपना वादा निभाना था। उपलब्ध सीटों की वास्तविक संख्या की तुलना में उम्मीदवारों की संख्या कहीं ज़्यादा थी।
शमशान घाट पर किया नामांकन
नामांकन के अंतिन दिन शिवसेना कार्यकर्ता योगेश गोन्नाडे की मां का निधन हो गया। लेकिन चुनाव लड़ने के लिए शिवसेना नेताओं ने उन्हें श्मशान पर नामांकन पत्र सौंपा। अंतिन संस्कार पूरा करने के बाद गोन्नाडे ने नागपुर नगर निगम के वार्ड नंबर 5 से अपना नामांकन दाखिल किया।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आवास पर प्रदर्शन
टिकट बटवारे से नाराज कुछ कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया गया कि पार्टी ने उनको टिकट दिया है जो ढ़ साल पहले भाजपा में शामिल हुए थे, जबकि लंब समय से काम कर रहे कार्यकर्ताओं को पूछा नहीं गया।
शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने भी टिकट बंटवारे का किया विरोध
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को भी विरोध का सामना करना पड़ा। उनके उपनगर स्थित आवास ‘मातोश्री’ के बाहर कार्यकार्ताओं ने टिकट न मिलने का विरोध किया।। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में भी विरोध हुआ। दरअसल शिवसेना (शिंदे गुट) ने दहिसर वार्ड नंबर 3 सीट भाजपा को दे दी। इसके खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं ने विधायक प्रकाश सुर्वे के खिलाफ काले झंडे दिखाए।
भाजपा कार्यकर्ता निर्दलीय मैदान में
टिकट न मिलने की वजह से चेम्बूर के वार्ड नंबर 155 में, भाजपा के कई कार्याकर्ताओं ने निर्दलीय नामांकन कर दिया। इसमें भाजपा के दावेदार जयश्री खरात, हर्ष साल्वे और शशिकाला कांबले शामिल थे। क्योंकि पार्टी ने कथित तौर पर पूर्व कॉर्पोरेटर श्रीकांत शेट्ये को टिकट दिया था, जो सिर्फ दो दिन पहले ही शिवसेना (यूबीटी) से भाजपा में शामिल हुए थे।
अजीत पवार वाली एनसीपी में भी कलह
जलगांव में, डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ा। शहर अध्यक्ष अभिषेक पाटिल ने सीट बंटवारे को लेकर अचानक इस्तीफा दे दिया।





