हरियाणा के फतेहाबाद के गांव मोहम्मदपुर रोही के विकास की हर ईंट चौधरी भजनलाल की देन है। लेकि यहां उनके नाम का कोई गौरव पट्ट तक नहीं है। वहीं, भजनलाल परिवार से उनकी पत्नी जसमां देवी, बेटे चंद्रमोहन व कुलदीप बिश्नोई, भतीजे दुड़ाराम व पौत्र भव्य बिश्नोई विधानसभा की सीढि़यां चढ़ चुके हैं।
जिस लाल ने गांव मोहम्मदपुर रोही को पूरे हरियाणा में पहचान दिलाई, उसके नाम की कोई निशानी गांव में नजर नहीं आई। हम बात कर रहे हैं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल की। चौधरी भजनलाल गांव मोहम्मदपुर रोही की गलियों में खेले, यहां पढ़ाई कीऔर खेतों में काम करने के बाद आदमपुर जाकर प्रदेश की राजनीति के शिखर तक पहुंचे।
केंद्र में मंत्री तक बने। गांव मोहम्मदपुर रोही के विकास की हर ईंट चौधरी भजनलाल की देन है। मगर विडंबना यह है कि गांव में स्मारक तो क्या उनके नाम का कोई गौरव पट्ट तक नहीं है। भजनलाल परिवार की निशानी के तौर पर उनकी माता स्व.कुन्ना देवी के नाम पर बना सिर्फ राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है। उसकी भी स्थिति ऐसी है कि चहारदीवारी टूटी हुई है और सामने गंदगी के ढेर लगे हुए हैं।
गांव मोहम्मदपुर रोही में पूर्व सीएम भजनलाल की माता कुन्ना देवी के नाम पर बना राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय।
गांववासी फार्मासिस्ट उग्रसेन बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बीच राजनीतिक तल्खी रहती थी। भजनलाल जब तक मुख्यमंत्री रहे गांव मोहम्मदपुर रोही से सीधी चंडीगढ़ तक बस चलती थी। उन्होंने गांव की सेम की समस्या खत्म करवाने के लिए विशेष योजना के तहत हर दो एकड़ पर ट्यूबवेल लगवाए। मगर बदले की राजनीति ऐसी हुई कि चौटाला सरकार आते ही बस भी बंद हो गई और ट्यूबवेल वाली योजना भी बंद कर दी गई।
गांव में पानी निकासी सबसे बड़ी समस्या
पूर्व सीएम स्व.भजनलाल के गांव में इस समय सबसे बड़ी समस्या बारिश के पानी की निकासी की है। निकासी के लिए कोई बेहतर प्रबंध नहीं है। गांव में खेल स्टेडियम के लिए छह एकड़ जगह निर्धारित हो गई है, लेकिन वहां न चहारदीवारी बनाई गई है और न ही दूसरी कोई व्यवस्था है। व्यायामशाला 2020 में बननी शुरू हुई थी, जिसका काम चार साल से अधर में लटका हुआ है।
पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के करवाए गए विकास कार्यों की जानकारी देते गांव मोहम्मदपुर रोही के गुरु जंभेश्वर मंदिर में बैठे लोग।
गांव के गुरु जंभेश्वर मंदिर में बैठे जगदीश चंद्र, नरसीराम, रामचंद्र बताते हैं कि साल 1969 में चौधरी भजनलाल ने मोगा लगवाया। इसके बाद मोहम्मदपुर रोही, बड़ोपल, खजूरी जाटी, धांगड़ तब के रेतीले टिब्बों में हरियाली छाई। इससे पहले यहां सिर्फ टिब्बे होते थे। रामसिंह, कैलाश चंद्र व रामस्वरूप बताते हैं कि गांव में 12वीं तक के स्कूल से लेकर पीएचसी तक जितने भी बड़े विकास कार्य हुए, सब चौधरी भजनलाल के कार्यकाल में हुए। अब पहले वाली बात नहीं रही है।
कार रोककर बोले, खून की नहीं रंगों की होली खेलो
कैलाश चंद्र पुराना किस्सा सुनाते हुए बताते हैं कि एक बार सीएम रहते चौधरी भजनलाल होली के दिन गांव में आए तो मुख्य सड़क के पास ही कुछ युवा भिड़ रहे थे। एक के सिर से खून बह रहा था। उस दौरान कार रोककर चौधरी भजनलाल ने युवाओं से कहा कि खून की होली नहीं खेलनी है, रंगों की होली खेलो। इसके बाद सभी युवा वहां से घर चले गए।
कहते थे कढ़ी बना रखी है तो और सब्जी मत बनाना
स्व.भजनलाल के छोटे भाई स्व.मनफूल बिश्नोई की पत्नी 92 वर्षीय मैना देवी बताती हैं कि चौधरी भजनलाल बेहद सरल स्वभाव के थे। वह हमेशा सबका भला करते थे। होली-दिवाली गांव में जरूर आते थे। जब भी आते थे तो सादा भोजन लेते थे। कहते थे कढ़ी बनी हुई है, तो कोई और सब्जी मत बनाना। चौधरी साहब ने परिवार के सदस्यों के साथ खेत में भी काम किया।
परिवार से छह सदस्य पहुंचे विधानसभा
गौरतलब है कि भजनलाल के पिता स्व. खैराज मांजू परिवार सहित पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर रियासत के गांव कोटनवाली से विस्थापित होकर गांव मोहम्मदपुर रोही में आए थे। यहां करीब आठ साल तक भजनलाल रहे। इसके बाद वह आदमपुर शिफ्ट हो गए। वहां पहले पंच बने, फिर पंचायत समिति चेयरमैन बने। इसके बाद आदमपुर से 1968 में पहली बार विधायक बने। फिर लगातार आदमपुर से विधायक बनते रहे। हिसार, फरीदाबाद और करनाल से सांसद भी चुने गए। मौजूदा समय में स्व.भजनलाल के भतीजे मोहम्मदपुर रोही निवासी दुड़ाराम फतेहाबाद विधानसभा से भाजपा विधायक हैं। भजनलाल परिवार से उनकी पत्नी जसमां देवी, बेटे चंद्रमोहन व कुलदीप बिश्नोई, भतीजे दुड़ाराम व पौत्र भव्य बिश्नोई विधानसभा की सीढि़यां चढ़ चुके हैं।