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हरियाणवी वेशभूषा में जिम्नास्टिक और डांस को शामिल कर शालू ने जमाई धाक

रोहतक के संजय नगर निवासी शालू किरार ने महज 10 साल की उम्र में जिम्नास्टिक सीखना शुरू किया था। शालू जिम्नास्टिक स्टंट बचपन से करती आ रही हैं। उन्हें जिम्नास्टिक में नेशनल गोल्ड मेडल भी हासिल है। शालू ने बताया कि जब चैनल शुरू किया तो हरियाणवी स्टेज डांस को कई जगह पर गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता था।

रोहतक के संजय नगर की रहने वाली शालू हरियाणवी वेशभूषा में नृत्य और उसमें भी जिम्नास्टिक का मेल कर हरियाणवी संस्कृति को नित नई पहचान दिला रही हैं। 2018 में उन्होंने अपना पहला वीडियो शूट किया और यूट्यूब पर अपलोड कर दिया। वहां से शुरू हुए सफर का नतीजा है कि यूट्यूब ने डायमंड बटन भेजा। इस समय 1 करोड़ 12 लाख सब्सक्राइबर्स हैं। उनका दावा है कि रोहतक में पहला डायमंड प्ले अवॉर्ड उन्हें ही मिला है।

शालू किरार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के साथ जिम्नास्टिक में नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट हैं। रोहतक के संजय नगर निवासी शालू किरार ने महज 10 साल की उम्र में जिम्नास्टिक सीखना शुरू किया था। शालू ने दोस्त अमित की सलाह पर 2018 में यू ट्यूब चैनल बनाया। पहला डांस वीडियो डाला तो अच्छा रिस्पॉन्स मिला और यहीं से उन्होंने शौक को कॅरिअर में बदलने की शुरुआत की। एक साल में चैनल मोनेटाइज भी हो गया।

हरियाणवी संस्कृति को दे रहीं बढ़ावा
शालू ने बताया कि पहले उन्होंने डांस के वीडियो ही चैनल पर डाले। एक लाख सब्सक्राइबर्स होने पर यू ट्यूब से उन्हें सिल्वर प्ले अवॉर्ड मिला। इसके बाद नृत्य में जिम्नास्टिक के स्टेप्स डाले। यह काफी मुश्किल भरा रहा था। हरियाणवी दामण, चुंदड़ी, गहनों में स्टंट करना एक चुनौती था, लेकिन कड़ी मेहनत कर उन्होंने इसे आसान बनाया। इन स्टंट्स से लोगों को कुछ नया देखने को मिला और काफी सराहा गया। इसका असर यह हुआ कि जल्द ही एक लाख का कुनबा 10 लाख पर पहुंच गया। इसके बाद उन्हें यू ट्यूब से गोल्डन प्ले बटन अवॉर्ड मिला और अब उनकी यू ट्यूब फैमिली 1 करोड़ 12 लाख हो चुकी है। इस पर अब उन्हें डायमंड प्ले बटन अवॉर्ड मिला है। उन्होंने बताया कि उनका अगला लक्ष्य रेड डायमंड प्ले बटन अवॉर्ड हासिल करना है जोकि 10 करोड़ का कुनबा होने पर मिलेगा।

जिम्नास्टिक में भी हैं गोल्ड मेडलिस्ट, इंडिया गॉट टैलेंट में भी लिया हिस्सा
शालू जिम्नास्टिक स्टंट बचपन से करती आ रही हैं। उन्हें जिम्नास्टिक में नेशनल गोल्ड मेडल भी हासिल है। शालू ने बताया कि जब चैनल शुरू किया तो हरियाणवी स्टेज डांस को कई जगह पर गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता था। इससे संस्कृति के प्रति लाेगों की गलत धारणा बन रही थी। इस धारणा को खत्म करने के लिए उन्होंने हरियाणवी वेशभूषा में वीडियो बनाना शुरू किया। डांस में स्टंट देखते हुए इंडिया गॉट टैलेंट से कॉल आई और सीजन 8 के सोलो डांस में हिस्सा लिया। इसके बाद 2022 में सीजन 9 में वह इंडिया गॉट टैलेंट की सेकंड रनरअप भी बनीं। इस समय एमकेजेके कॉलेज में एमपीएड की पढ़ाई कर रही हैं।

पिता ने बढ़ाया बेटी का हौसला
शालू ने बताया कि उनको घर से हमेशा से ही सहयोग मिला है। उनके पिता भारत भूषण किरार ने उनका सबसे अधिक हौसला बढ़ाया। उन्होंने लोगों की बातों को अनसुना किया और उन्हें पूरा सहयोग दिया, साथ ही उनके सपोर्ट पिलर उनके मंगेतर अमित का भी काफी सहयोग रहा है।

इसलिए कठिन है हरियाणा वेशभूषा में नृत्य
हरियाणावी वेशभूषा में दामण, चुंदड़ी, गहनों में स्टंट करना चुनौती भरा है क्योंकि दामण का वजन सबसे ज्यादा होता है। सामान्यत: दामण 20 गज और 52 कली से 52 गज तक का होता है। इसका वजन कम से कम 7 किलो होता है साथ ही गहनें भी भारी होते हैं।

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