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रणनीति में बदलाव: हरियाणा में 75 पार फार्मूले पर भाजपा को नहीं एतबार

लोकसभा चुनावों में भाजपा ने हरियाणा में दसों सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन भाजपा पांच सीटें ही जीत पाई। इसलिए भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीति बदली है। इसका प्रचार कार्यकर्ता घर घर जाकर करेंगे।

हरियाणा में अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर इस बार भाजपा को पार वाले फार्मूले पर एतबार नहीं है। इसलिए भाजपा हाईकमान ने प्रदेश की कुल 90 सीटों में से दो तिहाई 60 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को यहां पंचकूला में हुई भाजपा की विस्तृत राज्य कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश भाजपा को यह लक्ष्य दे गए हैं।

दरअसल, दो बार भाजपा पार वाले फार्मूले को आजमा चुकी है, लेकिन दोनों ही बार भाजपा लक्ष्य को पार कर पाना तो दूर उसके नजदीक भी नहीं पहुंच पाई। पिछली बार 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 75 पार का नारा दिया था, लेकिन सीटें 40 ही आ पाईं। हालांकि, जजपा के समर्थन से भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रही थी। इसी प्रकार, इस बार लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 400 पार सीटों का नारा दिया था, लेकिन यह लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाया।

लोकसभा चुनावों में भाजपा ने हरियाणा में दसों सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन भाजपा पांच सीटें ही जीत पाई। लोकसभा चुनावों में हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 44 सीटों पर जीत मिली है, जबकि कांग्रेस को 46 सीटों पर जीत मिली है। इसलिए भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीति बदली है।

भाजपा ने प्रदेश की 60 सीटों को अकेले अपने दम पर जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ये सीटें जीतने के लिए कार्यकर्ताओं को पार्टी की उपलब्धियां बताने और कांग्रेस पर हमला बोलने के लिए टिप्स दिए गए हैं। हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाने का नारा भी दिया गया, इसका प्रचार कार्यकर्ता घर घर जाकर करेंगे।

टिकट नहीं मांगेंगे पर नहीं उठे हाथ

दो सत्रों में हुई भाजपा की बैठक में नेताओं और कार्यकर्ताओं को निष्ठा और अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया गया। सह प्रभारी बिपल्ब देब ने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करते हुए कहा कि हाथ उठाकर बताओ कि तीसरी बार हरियाणा में भाजपा की सरकार बनानी है या नहीं। इस पर सभी कार्यकर्ताओं ने दोनों हाथ उठाकर हामी भरी।

वहीं, इसके बाद देब ने कहा कि ये भी हाथ उठाकर कहो कि हम टिकट नहीं मांगेंगे और जिसको टिकट पार्टी देगी, वह मंजूर होगा। इस पर मात्र कुछ ही कार्यकर्ताओं ने हाथ उठाए। देब ने समझाया कि पार्टी ही सबकुछ है और ये देखें कि जब वह पार्टी में आए थे तो क्या थे और जो रुतबा मिला है वो पार्टी के चलते ही मिला है। इसलिए आपस में मनमुटाव नहीं रखना है और कोई नाराजगी नहीं करनी है।

ये होंगे भाजपा के हथियार

  • हरियाणा कांग्रेस के बारे में बाप-बेटे की पार्टी का नारा
  • कांंग्रेस के पास संगठन नहीं, भाजपा के पास फौज
  • पर्ची-खर्ची और मेरिट पर दी गई नौकरियां
  • केंद्र में मोदी की सरकार, डबल इंजन से होगा विकास
  • क्षेत्रवाद, जातिवाद और भ्रष्टाचार को बनाया जाएगा मुद्दा
  • एंटी इंकमबैंसी को मोदी सरकार के चलते समर्थन में बदलने की रणनीति
  • घर-घर जाकर ये प्रचार करना कि तीसरी बार भाजपा की सरकार बन रही है

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