इस बारे में आयुष्मान भारत हरियाणा के सीईओ आईएएस डॉ. आदित्य दहिया कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। आईएमए को भी इसी बात की परेशानी है कि आईएएस अधिकारी कोई जवाब नहीं देते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल का इस बारे में कहना है कि आयुष्मान भारत के सीईओ ही इस बारे में विस्तृत जानकारी दे पाएंगे। चेक कराएंगे कि आखिर भुगतान क्यों रुका है।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत प्रदेश के 575 निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने वाले मरीजों की परेशानी बढ़ने वाली है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) हरियाणा ने 15 मार्च रात एक बजे से आयुष्मान और चिरायु कार्ड के लाभार्थियों की इलाज सुविधा बंद करने का फैसला लिया है। आईएमए ने आयुष्मान भारत के सीईओ को पत्र लिखकर बकाया 300 करोड़ रुपये की राशि जल्द जारी कराने की मांग की है।
आईएमए हरियाणा के पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि 16 मार्च शनिवार से सभी निजी अस्पताल आयुष्मान और चिरायु कार्ड की सेवाएं बंद कर रहे हैं। आईएमए अध्यक्ष डॉ. अजय महाजन ने आयुष्मान भारत के सीईओ को लिखे पत्र में बताया कि इससे पहले 29 फरवरी को पत्र लिखकर समस्या की जानकारी दी गई थी लेकिन अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया। इससे आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में रोष है। एसोसिएशन 30 मार्च तक स्थिति की समीक्षा करेगी। उसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
आयुष्मान-चिरायु योजना का लाभ उन परिवारों को मिल रहा है, जिनकी वार्षिक आय परिवार पहचान पत्र में 1.80 लाख रुपये तक है। प्रदेश के वित्त वर्ष 2024-25 में इसका विस्तार किया गया है। अब चिरायु-आयुष्मान भारत योजना का लाभ उन परिवारों तक बढ़ाया गया है जिनकी वार्षिक आय 3 लाख से 6 लाख रुपये है। वे लोग 4000 रुपये के वार्षिक योगदान का भुगतान करके इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा 6 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय वर्ग वाले लोग भी 5000 रुपये के वार्षिक योगदान का भुगतान करके इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
10 लाख लोग करा चुके इलाज
प्रदेश में अब तक 10 लाख लोग चिरायु कार्ड के जरिये आरोग्य हो चुके हैं। अब तक कुल 1 करोड़ 3 लाख से अधिक आयुष्मान-चिरायु कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसमें 74,33,548 चिरायु कार्ड तथा 28 लाख 89 हजार आयुष्मान कार्ड हैं। आयुष्मान-चिरायु हरियाणा योजना के तहत प्रदेश में लगभग 9 लाख मरीजों के इलाज के लिए 1130 करोड़ रुपये से अधिक के क्लेम का भुगतान किया जा चुका है।
बिलों में अनावश्यक कटौती
आईएमए हरियाणा का आरोप है कि बगैर किसी ठोस कारण के मरीजों के इलाज के बिलों में कटौती कर दी जाती है। कारण पूछने पर कई महीनों बाद भी कोई जवाब नहीं मिलता। केंद्र सरकार ने 2021 में अस्पतालों में इलाज की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी थी लेकिन हरियाणा सरकार ने अब तक इसे लागू नहीं किया है।
525 निजी अस्पताल हैं पैनल में
आयुष्मान भारत योजना के तहत हरियाणा के 1290 अस्पतालों को पैनल में रखा गया है। इसमें करीब 715 सरकारी और 575 निजी अस्पताल शामिल हैं। योजना के तहत कैंसर, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों के साथ 1,500 के करीब दूसरी बीमारियों का सालाना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज किया जाता है। निजी अस्पताल इलाज के बाद मरीज के बिलों को सरकार के पास भेजते हैं और सरकार इनका भुगतान करती है।