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IND vs AUS: एडिलेड में बदलेगी रोहित शर्मा की बैटिंग पोजिशन, गौतम गंभीर के फॉर्मूले ने दिया बड़ा इशारा

06, 05, 23, 08, 02, 52, 00, 08, 18, 11.. पिछली 10 टेस्ट पारियों में ओपनिंग करते हुए भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के बल्ले से ये रन निकले हैं। निश्चित तौर पर ये भारतीय टीम प्रबंधन के लिए चिंता का विषय है। रोहित पर्थ में हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच में नहीं खेले थे और उसमें यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग करने उतरे केएल राहुल ने पहली पारी में 26 और दूसरी पारी में 77 रन बनाए।

पहली पारी में शून्य पर आउट हुए जायसवाल ने दूसरी पारी में 161 रन बनाते हुए राहुल के साथ पहले विकेट के लिए 201 रनों की साझेदारी की। इसके बाद रोहित कैनबरा में ऑस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री एकादश के विरुद्ध अभ्यास मैच में चौथे नंबर पर उतरे। हालांकि उस मैच में भी वह तीन रन पर आउट हुए, लेकिन मंगलवार को एडिलेड ओवल में हुए अभ्यास सत्र को देखकर यह लग रहा है कि भारतीय कप्तान एक बार फिर शुक्रवार से यहां शुरू होने वाले गुलाबी गेंद के डे-नाइट टेस्ट में मध्यक्रम में उतर सकते हैं।

पहले भी खेले मिडिल ऑर्डर

रोहित पहले टेस्ट मैच में मध्यक्रम में खेलते रहे हैं। 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में तीसरे मैच में रोहित 63 रन बनाकर नाबाद लौटे थे। ये ऑस्ट्रेलिया में अभी भी उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। इसके बाद वह अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए भारत वापस लौट गए थे। यह अंतिम बार था जब रोहित टेस्ट में मध्यक्रम में खेले थे। जबसे गौतम गंभीर टीम भारत के कोच बने हैं तब से वही संयोजन मैच खेलने उतरता है जो अभ्यास के दौरान दिखाई देता है।

कैनबरा में जब भारतीय टीम ने मैच के इतर जो अभ्यास किया था तब यशस्वी, केएल राहुल, शुभमन गिल और विराट कोहली के बाद रोहित बल्लेबाजी करने उतरे थे। मंगलवार को रोहित और ऋषभ टीम से आधे घंटे पहले पहुंचे और नेट पर जमकर गुलाबी गेंद से बल्लेबाजी का अभ्यास किया। जब बाकी टीम आ गई तो ये लोग भी सभी के साथ मुख्य मैदान पर वार्मअप और ड्रिलिंग करने गए। जब पूरी टीम दोबारा नेट पर आई तो चार अलग-अलग नेट पर यशस्वी, राहुल, गिल और विराट बल्लेबाजी करने उतरे।

ऐसे में यह संभव है कि अगले मैच में यही भारत का बल्लेबाजी क्रम हो। इसके बाद रोहित और ऋषभ दोबारा बल्लेबाजी करने उतरे। ये दोनों पांचवें और छठे नंबर के बल्लेबाज के तौर पर एक दूसरे को सपोर्ट करेंगे। दोबारा पिता बनने के बाद ऑस्ट्रेलिया लौटे रोहित पिछले पांच सालों से टेस्ट में ओपनिंग ही कर रहे हैं। उन्होंने इस साल मार्च में धर्मशाला में शतक लगाया था लेकिन उसके बाद 10 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक लगा पाए।

गुलाबी गेंद भी एक कारण

रोहित और ऋषभ ने मंगलवार को सबसे ज्यादा अभ्यास किया, लेकिन रोहित गुलाबी गेंद के सामने फंसे-फंसे नजर आए। कई गेंदें उनको समझ भी नहीं आईं। ऐसे में नई गुलाबी गेंद उनको और परेशान कर सकती है। गुलाबी गेंद 30-40 ओवरों के बाद सॉफ्ट हो जाती है। अगर यशस्वी और राहुल अच्छी ओपनिंग साझेदारी करते हैं तो रोहित मध्यक्रम को मजबूत कर सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि मिस्टर ऑलराउंडर राहुल बेहतरीन टच में नजर में आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें ओपनिंग से हटाना गलत निर्णय हो सकता है। गिल ने भी काफी देर अभ्यास किया और वह भी अंतिम एकादश में होंगे। ऐसे में ध्रुव चंद जुरैल और देवदत्त पडीक्कल का बाहर बैठना तय है।

गुलाबी गेंद से बेहतर लग रहे आकाश

पर्थ में हर्षित राणा ने पदार्पण किया था और चार विकेट लिए। उन्होंने प्रधानमंत्री एकादश के विरुद्ध अभ्यास मैच में भी चार विकेट लिए, लेकिन अगर मंगलवार को एडिलेड ओवल में हुए अभ्यास सत्र को देखें तो आकाश दीप ने सबको पीछे छोड़ दिया। गुलाबी गेंद पर महारत रखने वाले आकाश दीप ने अभ्यास सत्र में विराट से लेकर रोहित तक को परेशान किया। उनकी बाहर और अंदर जाती गेंदों का किसी के पास कोई तोड़ नहीं था। ऐसे में अगर राणा की जगह बंगाल के इस गेंदबाज को मौका दिया जाए तो अचंभित नहीं होना चाहिए।

रास्ता मुश्किल है

अगर ओवरऑल अभ्यास की बात की जाए तो विराट कोहली ही गुलाबी गेंद से कुछ सहज नजर आए। पिछले मैच में शतक लगाने वाले विराट गेंद पर चढ़कर खेल रहे थे और जरूरत पड़ने पर उसे छोड़ भी रहे थे। इसके अलावा कोई भी बल्लेबाज नेट पर सहज नजर नहीं आया। मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा, नवदीप सैनी, थ्रोडाउन स्पेशलिस्टों ने भारतीय बल्लेबाजों को बहुत परेशान किया। अगर यही हाल मैच में रहता है तो बड़ी दिक्कत होगी।

डूबता सूरज होता है खतरनाक

ट्वाई लाइट यानी डूबते सूरज की रोशनी में गुलाबी गेंद के सामने बल्लेबाजी करना बहुत मुश्किल होता है। यही कारण है कि भारतीय टीम ने यहां पहले अभ्यास सत्र में शाम को अभ्यास किया। रोहित और पंत ने साढ़े चार घंटे मैदान में बिताए तो बाकी टीम करीब चार घंटे तक मैदान में रही। यहां पर स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे सूर्य अस्त होता है।टीम ने रात नौ बजे तक अभ्यास किया। टीम ट्वाई लाइट में गुलाबी गेंद को खेलने की तैयारी करते हुए दिखाई दी। ये ऐसा समय होता है जब सूर्य डूब रहा होता है, फ्लड लाइट जल रही होती है और गुलाबी गेंद बल्लेबाजों को उतनी बेहतर नहीं दिखाई देती जितनी आम रोशनी में समझ में आती है।

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