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MICA ने की स्कूल ऑफ एप्लाइड क्रिएटिविटी की शुरुआत

भारत के अग्रणी रणनीतिक मार्केटिंग और संचार संस्थान, मिका ने रचनात्मकता के नए युग की शुरुआत कर दी है।

संस्थान ने अपनी नई पहल, स्कूल ऑफ एप्लाइड क्रिएटिविटी की शुरुआत की, जो कहानी कहने, कल्पना और उभरती तकनीकों का अनोखा संगम है।

यह स्कूल भविष्य के लिए तैयार रचनात्मक कौशल से लैस छात्रों को गढ़ने का वादा करता है। इस मौके पर मशहूर फिल्मकार और ऑस्कर-नॉमिनेटेड शेखर कपूर को स्कूल का मुख्य मेंटर नियुक्त किया गया, जिन्होंने मिका के छात्रों और शिक्षकों के साथ मिलकर इस सपने को हकीकत में बदलने का संकल्प लिया।

17 जुलाई को मुंबई में मिका की चेयरपर्सन टीना अंबानी ने इस स्कूल की घोषणा की थी। शनिवार को शेखर कपूर ने अहमदाबाद में मिका कैंपस का दौरा किया औरक्राफ्टिंग क्रिएटिव कम्युनिकेशंस (सीसीसी) प्रोग्राम की शुरुआत की।

यह प्रोग्राम स्कूल ऑफ एप्लाइड क्रिएटिविटी का एक अहम हिस्सा है, जो छात्रों को रचनात्मकता और तकनीक के मेल से भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा।

‘जिज्ञासा और साहस के साथ तकनीक का मेल भविष्य को आकार देगा’

छात्रों को संबोधित करते हुए “द एआई म्यूज़: रीडिफाइनिंग इंस्पिरेशन इन द एज ऑफ इमेजिनेशन” में शेखर कपूर ने छात्रों को पुराने ढर्रों को तोड़ने की सलाह दी।

उन्होंने कहा, “एआई पैटर्न को समझ सकता है, भविष्यवाणी कर सकता है, लेकिन मानव कल्पना ही उसे अर्थ और मकसद देती है। जिज्ञासा और साहस के साथ तकनीक का मेल भविष्य को आकार देगा।”

कपूर ने छात्रों से कहा कि वे अपनी रचनात्मकता को अहंकार से मुक्त करें और नई सोच के साथ आगे बढ़ें। उनके इस संदेश ने छात्रों में जोश भर दिया। एक छात्र ने कहा, “शेखर कपूर को सुनकर लगा कि काम करने के तरीके और सौंदर्यशास्त्र अब बदल रहे हैं। मिका के प्रशिक्षण से हम महत्वपूर्ण सोच, डेटा आधारित कहानी कहने और अनिश्चितता को संभालने में सक्षम होंगे।”

संस्कृति, तकनीक और रचनात्मकता का त्रिवेणी संगम

शेखर कपूर ने प्रो. पूजा थॉमस के साथ फिल्मों को सांस्कृतिक सीख के औजार के रूप में इस्तेमाल करने पर चर्चा की। इसके अलावा, बीबीडीओ के पूर्व सीईओ सुरजा किशोर के साथ उन्होंने एक गहन सवाल उठाया कि क्या हम एआई को सोचने के लिए सिखा रहे हैं या नकल करने के लिए?

इस चर्चा ने रचनात्मकता और तकनीक के बीच संतुलन पर नई रोशनी डाली। मिका के इस आयोजन ने साबित कर दिया कि वह सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य को आकार देने के लिए ठोस कदम उठा रहा है।

स्कूल ऑफ एप्लाइड क्रिएटिविटी के तहत शुरू किए गए प्रोग्राम्स छात्रों को एआई-संचालित उपकरणों के साथ रचनात्मकता को जोड़ने की कला सिखाएंगे।

इन लोगों ने सत्र में लिया हिस्सा

शेखर कपूर ने प्रो. त्रिदीप सुह्रुद (गवर्निंग काउंसिल मेंबर), जया देशमुख (डायरेक्टर और सीईओ, मिका) और डीन (अकादमिक) के साथ एक विशेष रणनीति सत्र में हिस्सा लिया।

इस सत्र में स्कूल ऑफ एप्लाइड क्रिएटिविटी के दीर्घकालिक लक्ष्यों पर चर्चा हुई। बातचीत का केंद्र यह था कि मिका रचनात्मकता, तकनीक और मानव अंतर्दृष्टि के संगम पर कैसे अग्रणी बना रहे।

जया देशमुख ने कहा, “मिका हमेशा संस्कृति और तकनीक के बीच संतुलन बनाता रहा है। यह स्कूल हमारा भविष्य की ओर निर्णायक कदम है। कल्पना, अगर सही दिशा में हो और तकनीक से सशक्त हो, तो वह भविष्य का सबसे बड़ा कौशल होगी।”

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