चंडीगढ़ में 27 दिन से एमआरएफ केंद्र बंद
चंडीगढ़ नगर निगम के बेहतर कचरा प्रबंधन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों की लेटलतीफी की वजह से एक मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) केंद्र पिछले 27 दिन से बंद पड़ा है। इसकी वजह से अन्य दो एमआरएफ केंद्रों पर दबाव बढ़ गया है और कचरे की गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। इससे गाड़ियों के ड्राइवर बुरी तरह से प्रभावित हैं लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से आम लोगों पर भी असर पड़ रहा है।
नगर निगम की गाड़ियां घर-घर से कूड़ा एकत्रित करती हैं और फिर उन्हें नजदीकी एमआरएफ केंद्र में ले जाकर खाड़ी को खाली करती हैं। चंडीगढ़ में ऐसे तीन केंद्र है। एक इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1, दूसरा थ्री-बीआरडी और तीसरा सेक्टर-25 में है। यहां पर कन्वेयर बेल्ट की मदद से गीला, सूखा कचरा अलग-अलग डाल दिया जाता है। विभिन्न चरणों के बाद कचरे को टैंकर नुमा कैप्सूल में डाला जाता है और वह ट्रक की मदद से सेक्टर-25 के कचरा निस्तारण प्लांट में भेजा जाता है।
तीनों एमआरएफ केंद्र में तीन-तीन ट्रक हैं लेकिन वर्तमान में इनमें से अधिकतर ट्रक खराब है। थ्री बीआरडी के तीनों के तीनों ट्रक के टायर फटे हुए हैं वो पिछले कई दिनों से केंद्र के अंदर खड़े हैं। ये ट्रक चलने की स्थिति में नहीं है तो कचरे को केंद्र से प्लांट नहीं ले जाया जा सकता। इसलिए यह एमआरएफ केंद्र 31 अक्तूबर से ही बंद है और यहां कचरा लाने वाली छोटी गाड़ियों को इंडस्ट्रियल एरिया और सेक्टर-25 भेजा जा रहा है। वहां पर पहले से ही 150 से ज्यादा गाड़ियां अपना कचरा लेकर जाती हैं, इसलिए पिछले कई दिनों से दोनों जगह लंबी-लंबी लाइन लग रही है।
दूसरे एमआरएफ केंद्र के ट्रक का भी टायर खराब
इंडस्ट्रियल एरिया के एमआरएफ केंद्र में भी ट्रक खड़ा है, जिसका टायर खराब है। कुछ ड्राइवरों ने बताया कि इस केंद्र के जो ट्रक चल रहे हैं, उनके टायरों की भी हालत खराब हैं। वो किसी भी दिन जवाब दे सकते हैं। ऐसे में अलग जल्द टायर नहीं बदले गए तो यह केंद्र भी बंद हो सकता है। इससे लोगों को भी दिक्कत हो रही है क्योंकि जिन गाड़ियों का एरिया बड़ा है वो कचरे को एमआरएफ केंद्र में खाली करने के बाद फिर एरिया में चक्कर लगाने जाती हैं लेकिन अब गाड़ी खाली करने में ही शाम हो जा रही है तो वह एक बार कूड़ा लेने के बाद दूसरी बार अपने इलाके में नहीं जा पा रहे हैं।
नौकरी बचाने के लिए अपनी जेब से पैसा लगा गाड़ी ठीक करा रहे ड्राइवर
घर-घर से कूड़ा उठाने वाली ज्यादातर गाड़ियां वर्ष 2020 में आई हैं। कूड़ा उठाने और एमआरएफ केंद्र तक ले जाना एक हाई रिस्क काम है। ऐसे में अक्सर गाड़ियां पेंचर होती हैं व उसमें अन्य तरह की खराबी आती है। नाम न छापने की शर्त पर कई ड्राइवरों ने बताया कि जब वह गाड़ी की खराबी के बारे में अधिकारियों को बताते हैं तो वह ठीक कराने की बजाय गाड़ी खड़ी कर देने की धमकी देते हैं। कहते हैं कि ये काम किसी और से करा लेंगे।
नौकरी बचाने की मजबूरी में ड्राइवरों को खुद अपनी जेब से पेंचर, बैटरी बदलने और अन्य छोटी समस्याओं को ठीक कराना पड़ता है। कई ड्राइवर इसी मजबूरी में काम कर रहे हैं तो कई खराब गाड़ी लेकर ही कई दिनों तक चलते रहते हैं।
दो-तीन दिन में शुरू हो जाएगा केंद्रः आयुक्त
नगर निगम की आयुक्त आनिंदिता मित्रा ने बताया कि ट्रकों के टायर के लिए पहले ट्रक की ही कंपनी हाईवा के साथ समझौता था लेकिन अब उनका कांट्रैक्ट खत्म हो गया है। निगम खुद टायर बदलवाएगा। उन्होंने कहा कि बीच में कंपनी के साथ एक मामले को लेकर विवाद भी हो गया था। अब उसे सुलझा लिया गया है लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में समय लग गया। आयुक्त ने कहा कि अगले दो-तीन दिनों में टायर बदल दिए जाएंगे, जिसके बाद थ्री-बीआरडी का एमआरएफ केंद्र शुरू हो जाएगा और अन्य केंद्रों पर आया दबाव भी कम हो जाएगा।