किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का दावा है कि यूपी, बिहार, केरल, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु व आंध्रप्रदेश में भी आंदोलन का असर रहेगा।
शंभू व खन्नौरी बाॅर्डरों पर आंदोलनरत संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और भारतीय किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने केंद्र सरकार की ओर से पांच फसलों कपास, मक्का के अलावा अरहर, मसूर व उड़द की दालों पर पांच सालों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के फैसले को सिरे से रद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि रेल रोको आंदोलन के लिए पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। पंजाब के सभी जिलों में कई जगहों पर रेलें रोकी जानी हैं। किसानों के समर्थन में ट्रक यूनियन भी आगे आया है। पंजाब के अलावा देश के अन्य कई राज्यों में किसानों की ओर से आज रेलें रोकी जाएंगी।
वहीं, अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से संयुक्त किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर 10 मार्च को रेल यातायात रोको आंदोलन को सफल बनाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अमृतसर में किसानों की ओर से देवीदासपुरा, मजीठा, रईया, कत्थूनंगल, जैंतीपुर, कोटला गुजरां, पंधेर फाटक और जहांगीर में धरने दिए जाएंगे। इसी तरह भाकियू डल्लेवाल की ओर से गांव वल्ला के पास रेलवे फाटक के पास दोपहर 12 बजे से लेकर शाम चार बजे तक रेल यातायात रोका जाएगा।
पंजाब में आज 61 स्थानों पर चार घंटे के लिए ट्रेनें रोकेंगे किसान
एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों कोे लेकर आंदोलनरत किसान रविवार को पंजाब में 61 स्थानों पर दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ट्रेनें रोक कर प्रदर्शन करेंगे। वहीं हरियाणा में पांच जगह पर ट्रेनें रोकी जाएंगी। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि रेल रोको आंदोलन का असर पंजाब के अलावा देश के बाकी राज्यों उत्तरप्रदेश, बिहार, केरल, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु व आंध्रप्रदेश में भी देखने को मिलेगा।
इन राज्यों में भी उनके समर्थन में कई किसान संगठनों ने रेल रोकने का फैसला लिया है। डल्लेवाल ने साफ किया कि फिलहाल शंभू व खन्नौरी बाॅर्डरों पर बैठे किसान आगे नहीं बढ़ेंगे, लेकिन लगातार इसी तरह से अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते रहेंगे, ताकि केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर रखा जा सके। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों का मकसद ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ दिल्ली जाना नहीं है, बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करते हुए किसानों की लंबे समय से लटकी मांगों को हल कराना है। रेल रोको के बाद जल्द ही आगे के संघर्ष की रूपरेखा का एलान किया जाएगा।
केंद्र का प्रस्ताव खारिज
भारतीय किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने केंद्र सरकार की ओर से पांच फसलों कपास, मक्का के अलावा अरहर, मसूर व उड़द की दालों पर पांच सालों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के फैसले को खारिज कर दिया है। अमृतसर में किसान देवीदासपुरा, मजीठा, रईया, कत्थूनंगल, जैंतीपुर, कोटला गुजरां, पंधेर फाटक और जहांगीर में रेल ट्रैक में धरना देंगे। भाकियू डल्लेवाल की ओर से गांव वल्ला के पास रेलवे फाटक पर रेल यातायात रोका जाएगा।