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S&P ने बरकरार रखा भारत की विकास दर का अनुमान

अंतरराष्‍ट्रीय रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्‍लोबल (S&P Global Ratings) ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को 6.8 फीसदी पर बरकरार रखा है। साथ ही एजेंसी ने कहा है कि ऊंची ब्‍याज दरों और कम राजकोषीय प्रोत्साहन से मांग में कमी आएगी।

एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए सोमवार को जारी अपने इकोनॉमिक आउटलुक में एसएंडपी ग्‍लोबल रेटिंग्‍स ने कहा, ‘भारत की अर्थव्‍यवस्‍था अपनी वृद्धि से लगातार हैरान कर रही है और पिछले वित्त वर्ष में यह 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा, ”इस वित्त वर्ष यह 6.8 फीसदी की दर से बढ़ेगी, क्‍योंकि ऊंची ब्‍याज दरों और कम राजकोषीय प्रोत्‍साहन की वजह से गैर कृष‍ि क्षेत्रों में मांग में कमी आएगी।”

वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए S&P ने भारतीय अर्थवयवस्‍था के क्रमश: 6.9 फीसदी और 7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है।

रिजर्व बैंक से कम है रेटिंग एजेंसी का अनुमान

चालू वित्त वर्ष के लिए एसएंडपी का वृद्धि दर का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से कम है। इससे पहले इसी महीने केंद्रीय बैंक ने अनुमान लगाया था कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। केंद्रीय बैंक ने कहा था कि ग्रामीण मांग में सुधार और महंगाई में नरमी की बदौलत भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था ऐसा कर पाएगी।

अलग-अलग एजेंसियों के अलग-अलग आंकड़े 

एक अन्य रेटिंग एजेंसी फिच का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-2025 में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहेगी। वहीं एशियाई विकास बैंक (एडीबी) का अनुमान है कि भारत की जीडीपी की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहेगी। मूडीज रेटिंग्स और डेलॉयट इंडिया ने 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है, जबकि मॉर्गन स्टेनली ने 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है।

चीन के लिए, एसएंडपी ने 2024 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 4.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है, लेकिन दूसरी तिमाही में कुछ मंदी की आशंका है। इसने कहा कि कम खपत और मजबूत विनिर्माण निवेश के संयोजन से कीमतों और लाभ मार्जिन पर असर पड़ेगा।

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