यूपी में बढ़ते कोरोना को कंट्रोल करने में जुटी योगी सरकार, नई गाइडलाइंस जारी

लखनऊ: यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार में आई तेजी बरकरार है. मंगलवार को UP में 14 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आए. हालांकि इस दौरान रिकवर होने वाले मरीजों की तादाद 20 हजार से ज्यादा रही. इस बीच CM योगी आदित्यनाथ कोविड मैनेजमेंट का काम देख रही हाई लेवल टीम 9 की मीटिंग में अफसरों के साथ कोरोना संक्रमण की समीक्षा बैठक में सीएम ने प्रत्येक जिले में कम से कम एक बड़े अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं.

सीएम ने दिए निर्देश

UP में बीते 24 घंटे में 02 लाख 30 हजार 753 कोरोना टेस्ट हुए. इसी के साथ प्रदेश में एक्टिव केस का आंकड़ा 1 लाख 1 हजार 114 रहा. इसमें राहत की बात यह भी रही कि इनमें से 99% लोग होम आइसोलेशन में है.

इस डाटा के साथ हुई मीटिंग में CM योगी ने टीम 9 के अफसरों को भी अहम दिशा निर्देश जारी किए. CM ने अन्य अस्पतालों को नॉन कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध रहने के भी निर्देश दिए. उन्होंने अस्पतालों में OPD सेवाओं को कोविड प्रोटोकॉल का साथ संचालित रखने के भी निर्देश दिए.

जिला प्रशासन रखे नजर

कोविड की नई लहर के बीच प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पारंपरिक मेले, स्नान पर्व के आयोजन को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यूपी का कोविड प्रबंधन सभी के लिए उदाहरण है कि प्रयागराज में विशाल पारंपरिक माघ मेला सकुशल चल रहा है और कहीं से भी संक्रमण के अत्यधिक प्रसार अथवा अन्य किसी अव्यवस्था की सूचना नहीं है. उन्होंने दावा किया कि स्वास्थ्य संबंधी एहतियात के साथ लाखों श्रद्धालु पूजन-अर्चन कर रहे है.

Team 9 का रिपोर्ट कार्ड और जो हुए फैसले

◆ एग्रेसिव ट्रेसिंग और टेस्टिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण कोविड के प्रसार को रोकने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है. यह संतोषजनक है कि हमारा प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण में अन्य राज्यों के सापेक्ष प्रथम स्थान पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में अब तक टीके की 23 करोड़ 72 लाख से अधिक डोज लगाई जा चुकी है. जबकि 09 करोड़ 69 लाख से अधिक टेस्टिंग हो चुकी है. यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टेस्टिंग-टीकाकरण है.

◆ कोरोना के कारण बच्चों के नियमित टीकाकरण प्रभावित हुआ है. ऐसे नवजात बच्चों को चिन्हित करते हुए फरवरी माह में विशेष अभियान चला कर टीकाकरण पूरा किया जाए. बचपन में लगने वाले यह टीके जीवन भर अनेक बीमारियों से हमें सुरक्षित रखते हैं.

3 T पर जोर

◆ कोरोना प्रसार को नियंत्रण में ट्रेसिंग का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है. अपनी निगरानी समितियों के सहयोग से हमने पिछली लहर में घर-घर स्क्रीनिंग का काम किया, जिससे कोविड नियंत्रण में सहायता मिली. इस बार भी ऐसे ही प्रयास की जरूरत है. अतः प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम चलाया जाए. इस कार्यक्रम में निगरानी समितियां/स्वास्थ्यकर्मी घर-घर पहुंचें. लक्षणयुक्त लोगों की पहचान करें. जरूरत के अनुसार टेस्ट कराएं. और हर संदिग्ध मरीज को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं. अपूर्ण टीकाकवर वाले लोगों की सूची तैयार करें. इस विशेष अभियान के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाए.

वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए यह होगी रणनीति

■ प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 95% से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है. 61% से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं. विगत दिवस तक 15-17 आयु वर्ग के लगभग 45℅ किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 40% से अधिक पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है. यथाशीघ्र सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए. संभल, आगरा, रामपुर, जालौन आदि टीकाकरण में धीमी गति वाले जिलों से संवाद बनाएं. स्कूल/कॉलेजों में विशेष कैम्प लगाएं.

‘डरने की जरूरत नहीं बस एहतियात बरतना है’

◆ बीते 24 घंटों में 02 लाख 30 हजार 753 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें 17,776 नए कोरोना पॉजिविट पाए गए. इसी अवधि में 20,532 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए. वर्तमान में कुल एक्टिव केस की 98 हजार 238 है. इनमें से 95 हजार 293 घर पर ही उपचाराधीन हैं. यानी साफ है कि बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है. यह संक्रमण वायरल फीवर की तरह है. इसलिए इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सभी एहतियात अवश्य बरते जाएं.

◆ अस्पताल में उपचाराधीन कोविड पॉजिटिव लोगों के परिजनों से नियमित अंतराल पर संवाद किया जाए. होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे लोगों से संवाद कर उन्हें मेडिकल परामर्श, दवाएं आदि मुहैया कराई जाए. संवाद का यह क्रम सीएम हेल्पलाइन से सतत जारी रखें.

इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स को रखे सक्रिय

◆ इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स पूर्णतः सक्रिय रहें. मुख्य सचिव स्तर से इनकी कार्यप्रणाली की समीक्षा की जाए. होम आइसोलेशन, निगरानी समितियों से संवाद, एम्बुलेंस की जरूरत और टेलिकन्सल्टेशन के लिए पृथक-पृथक नम्बर जारी किए जाएं. जनपदीय ICCC में चिकित्सकों का पैनल तैनात करते हुए लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए.