FD स्कीम में करना चाहते हैं निवेश तो जान लें ये खास बातें

पुराना फाइनेंशियल ईयर खत्‍म होते ही लोग अपने फायनेंशियल पोर्टफोलियो में बदलाव करने और उसे बेहतर बनाने की योजना बनाने लगते हैं. कम रिस्‍क में ज्‍यादा से ज्‍यादा रिटर्न पाने के तरीके खोजते हैं. जहां बात बहुत कम रिस्‍क में ठीक-ठाक रिटर्न पाने की आती है, तो सबसे पहना नाम फिक्‍सड डिपॉजिट स्‍कीम्‍स का ही आता है. इसके लिए तकरीबन सभी बैंकों के पास 7 दिन से लेकर के 10 साल तक की FD स्‍कीम हैं. 

…लेकिन जान लें ये जरूरी बात 

यदि एफडी से कम रिस्‍क में मिलने वाले रिटर्न के आप भी मुरीद हैं और आने वाले समय में किसी FD स्कीम में निवेश करने जा रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए. ताकि आपको बैंक FD पर रिटर्न भी अच्‍छा मिले और FD मैच्‍योर होने से पहले तोड़नी भी पड़े तो आपका कम से कम नुकसान हो. 

एक से ज्‍यादा स्‍कीम में लगाएं पैसा: यदि आप फिक्स्ड डिपॉजिट्स में निवेश करने जा रहे हैं तो एफडी लैडरिंग का विकल्‍प अच्‍छा रहेगा. यानी कि पूरे पैसे को एक ही एफडी में एक ही समयसीमा के लिए निवेश न करें. बल्कि उस पैसे के हिस्‍से करके अलग-अलग बैंकों की अलग-अलग एफडी स्‍कीम में लगाएं. इससे आपको हर बैंक से 5-5 लाख रुपये का इंश्योरेंस बेनेफिट भी मिलेगा. यदि एफडी तोड़ना भी पड़े तो जरूरत के मुताबिक किसी भी एक-दो एफडी को ही तोड़ना पड़े. इससे बाकी एफडी को मैच्‍योर होने के लिए समय मिल जाएगा. 

स्पेशल डिपॉजिट स्‍कीम: कई बैंक 444 दिनों या 650 दिनों या 888 दिनों के लिए खास FD स्कीम लॉन्च करती हैं. इन स्कीम में बैंकों की ओर से आम स्‍कीम्‍स की तुलना में ज्‍यादा इंटरेस्ट दिया जाता है. यदि आप जागरूक रहकर ऐसी स्‍कीम चुनेंगे तो आप ज्‍यादा रिटर्न पा सकते हैं. 

रिटर्न कम लेकिन सुरक्षा ज्‍यादा: FD स्‍कीम में निवेश किए गए पैसे पर रिटर्न कम मिलता है लेकिन आपका पैसा सुरक्षित रहता है. कोरोना महामारी के समय से ही ज्यादातर बैंकों ने FD पर ब्‍याज दरें घटा दी हैं. 

स्माल फाइनेंस बैंक देते हैं ज्‍यादा ब्‍याज: स्माल फाइनेंस बैंक राष्‍ट्रीयकृत बैंकों के मुकाबले ज्‍यादा ब्‍याज देते हैं. साथ ही 5 लाख रुपये तक का इंश्‍योरेंस भी देते हैं. इसके जरिए भी आप ज्‍यादा रिटर्न पा सकते हैं. 

स्वीप-इन FD: ऐसी FD स्‍कीम में पैसा लगाएं जहां आपको समय-समय पर कुछ पैसा भी मिलता रहे और आप FD ब्‍याज दरों का फायदा भी लेते रहें. यानी कि पैसा पाने के लिए एफडी के मैच्‍योर होने तक इंतजार न करना पड़े.