दिवाली को लेकर एम्स, डॉ. राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग, लोकनायक, बाबा साहेब अंबेडकर, डीडीयू, जीटीबी सहित दिल्ली के सभी अस्पताल हाई अलर्ट पर रहेंगे। इन अस्पतालों के आपातकालीन विभाग में पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेंगे। अस्पतालों में ऐसे मरीजों के लिए अलग से बिस्तर आरक्षित किए गए हैं। साथ ही जरूरत के आधार पर आईसीयू भी खाली रहेंगे। साथ ही ऑपरेशन थियेटर सक्रिय रहेंगे।
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बर्न प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. समीक भट्टाचार्य ने कहा कि दिवाली को लेकर तीन दिन अस्पताल अलर्ट मूड पर रहेगा। इस दौरान वार्ड नंबर दो पर 10 बिस्तर से अधिक खाली रखे जाएंगे।
लोकनायक अस्पताल में आपातकालीन विभाग की प्रमुख डॉ ऋतु सक्सेना ने कहा कि दिवाली को देखते हुए 70 बेड के डिजास्टर वार्ड को सक्रिय किया गया है। मरीज की जरूरत को देखते हुए आईसीयू व अन्य खाली रखा जाएगा।
वहीं एम्स में भी बेड आरक्षित किए गए हैं। साथ ही पूरे स्टाफ को सक्रिय रहने को कहा गया है। सफदरजंग अस्पताल से पूनम ढांडा ने कहा कि अस्पताल में दिवाली को देखते हुए पूरी तैयारियां की है। अस्पताल में दिवाली के दिन, एक दिन पहले और एक दिन बाद, सभी संकायों, निवासियों और कर्मचारियों को विशेष ड्यूटी सौंपी गई है।
सबसे ज्यादा दीये से जलते हैं बच्चे व बड़े
दिवाली के दिन सबसे ज्यादा घटनाएं दीये से जलने के कारण होती है। पिछले साल भी दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में 500 से अधिक मामले सामने आए थे। इसमें सबसे ज्यादा मामले दीये से जलने वाले थे। इसके बाद पटाखे से जलने के मामले सामने आते हैं। हाथ या शरीर में पटाखे फटने के कारण भी काफी नुकसान होता है। ऐसी स्थिति में तुरंत सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
दिवाली के दौरान सभी विभागों के डॉक्टर करेंगे जांच
डॉक्टरों का कहना है कि दिवाली के दौरान आग लगने की घटना में केवल बर्न प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर ही तैनात नहीं रहते। इस दौरान विशेष रूप से नेत्र रोग, ईएनटी, ऑर्थोपेडिक्स सहित दूसरे विभाग के डॉक्टर भी तैनात रहते हैं। यह सभी डॉक्टर बर्न विभाग में सेवाएं देते हैं। गंभीर रूप से जलने के मामलों में भर्ती और प्रबंधन के लिए बर्न आईसीयू और वार्ड में बिस्तर खाली रखे जाते हैं। रोगियों के प्रबंधन के लिए दवाइयों और ड्रेसिंग सामग्री की व्यवस्था की जाती है। ड्रेसिंग के बाद रोगियों को वितरित की जाती है।
आग से बचाव के लिए रखें ध्यान
- दीये जलाते समय रखें ध्यान, साथ में रखें फायर एक्सटिंगुइशर या बाल्टी में पानी
- उचित सूती कपड़े पहनें, सिंथेटिक कपड़ों से बचें
- बच्चों को पटाखे जलाने की अनुमति न दें और उन्हें दूर रखें। दीयों और मोमबत्तियों को स्थिर और सुरक्षित स्थान पर रखें
- यदि आग लग जाए, तो अग्निशामक सेवा को कॉल करें
आग से जल जाए तो क्या करें
- जलने वाले व्यक्ति को तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएं
- जल हुए क्षेत्र पर ठंडा पानी 15 मिनट तक डालें। बर्फ का उपयोग न करें
- यदि जलन वाले क्षेत्र पर कपड़े लगे हैं, तो उन्हें न हटाएं
- यदि जलन गहरी है तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। कोई भी क्रीम या दवा लगाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें