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अन्नदाताओं को बड़ा तोहफा, किसान क्रेडिट कार्ड की बढ़ाई लिमिट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने साल 2025-26 का बजट पेश किया। बजट में ​कई बड़े एलान किए गए। 12 लाख तक की आय पर टैक्स में छूट के साथ ही बुजुर्गों को भी टैक्स रिटर्न भरने में छूट दी गई। इन सबके बीच कृषि प्रधान देश के अन्नदाताओं को बड़ा तोहफा दिया है। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाई गई और योजनाओं व उनकी राशियों से भी किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी।

वित्त मंत्री ने बजट की शुरुआत में किसानों के लिए प्रधानमंत्री धनधान्य योजना का ऐलान किया। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने की घोषणा भी की। बजट में बिहार सहित पूरे देश के किसानों को लाभ इस बजट में मिला है। वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का एलान किया है।

क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने से 7.7 करोड़ किसानों को सहूलियत

क्रेडिट कार्ड की यह लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इससे ब्याह सहायता योजना की सीमा अब 3 लाख से बढ़कर 5 लाख हो गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड से 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को कम समय में लोन की सुविधा मिलेगी।
किसानों को खेती और कृषि संबंधी कार्यों के लिए समय पर और उचित ऋण मुहैया कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना प्रारंभ की गई थी।
इसमें कृषकों को 2 फीसदी ब्याज की सहायता से और 3 फीसदी जल्द पुनर्भुगतान प्रोत्साहन शामिल है।
किसानों को हर साल बिल्कुल रियायती दरों पर ऋण मुहैया हो सकेगा। साल 2012 में इसे सरल बनाने तथा इलेक्ट्रॉनिक किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए संशोधित किया गया था।

किसानों को किस तरह मिलेगा लाभ?
बजट के एलान से उधारकर्ता कृषक, उधार देने वाले आत्मनिर्भर किसान, मौखिक पट्टेदार और बंटाई से काम करने वाले किसान पात्रता की श्रेणी में आते हैं। इसके अतिरिक्त काश्तकार, बंटाईदार सहित एसएचजी यानी सेल्फ हेल्प ग्रुप और जेएलजी यानी संयुक्त देयता समूह भी इस योजना के दायरे में आते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने से लाभ यह होगा कि कृषकों इनपुट डीलर्स के साथ निर्बाध लेनदेन में और मदद मिलेगी। जब वे खरीदी केंद्रों पर अपनी उपज की बिक्री करते हैं तो बिक्री आय उनके खातों में डिपोजिट होती है।

क्या है किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम?
किसानों को क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध हो सके। इसमें क्रेडिट कार्ड की भूमिका अहम हो जाती है। लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने से किसानों को अतिरिक्त लाभ होगा। इस योजना का आगाज 1998 में केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक व नाबार्ड द्वारा किया गया था। इसे किसान क्रेडिट नाम दिया गया। इस कार्ड का लाभ न सिर्फ कृषकों बल्कि मत्स्य पालकों या पशुपालकों को भी मिलता है।

किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी धन धान्य योजना
बजट में वित्त मंत्री की किसानों के लिए जो बड़ा एलान किया गया है, वो है धन धान्य योजना। इस योजना से कम उपज, आधुनिक फसल उपज की संभावना वाले क्षेत्र और औसत से कम ऋण मापदंडों वाले 100 जिले शामिल किए जाएंगे। इससे देश के करीब 1.7 करोड़ कृषकों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा खाने के तेल में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए 6 वर्षीय मिशन की घोषणा भी की गई।

बिहार में मखाने की खेती करने वाले कृषकों को मिलेगा लाभ
इस बजट में बिहार का खासा ध्यान रखा गया है। बिहार में मखाने की खेती होती है। ऐसे किसानों के हितार्थ मखाना बोर्ड के गठन का एलान भी किया गया। इस बोर्ड के गठन से मखाना के प्रोडक्शन से लेकर इसकी मार्केटिंग तक को प्रोत्साहन मिलेगा। इस घोषणा से मखाना कृषकों को काफी लाभ होगा।

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