कफ सिरप मामला: पांच राज्यों तक बढ़ा जांच का दायरा

लखनऊ में नशीले कफ सिरप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। ईडी यूपी के साथ मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और झारखंड तक फैले इस सिंडीकेट की जांच करेगा। इसके लिए ईडी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) से अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है।
इसके आधार पर कोडीनयुक्त कफ सिरप का निर्माण करने वाली कंपनियों के साथ फर्मों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। साथ ही, सिंडीकेट की मदद करने वाले एफएसडीए के अधिकारियों को भी चिन्हित किया जा रहा है।ईडी ने कफ सिरप मामले को लेकर यूपी के कई शहरों में दर्ज 30 से अधिक एफआईआर के आधार पर बुधवार को प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। ईडी के अधिकारियों ने मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के वाराणसी के आवास पर समन चस्पा कर उसे 8 दिसंबर को तलब होने को कहा है।
वहीं दूसरी ओर एफएसडीए को पत्र लिखकर उसके द्वारा की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है। एफएसडीए ने इस मामले में अब तक एक दर्जन से अधिक जिलों की फर्मों के खिलाफ 118 एफआईआर दर्ज कराई हैं।जांच में सामने आया है कि कई जगहों पर फर्जी फर्मों का संचालन हो रहा था, जो महज बिलिंग पॉइंट के रूप में कार्य कर रही थीं। इन फर्मों के जरिये अब तक अरबों रुपये के कफ सिरप की तस्करी अंजाम दी जा चुकी है।
इस तरह हो रही थी तस्करी
जांच में सामने आया है कि हिमाचल प्रदेश की दो, उत्तराखंड की तीन और हरियाणा और झारखंड की एक-एक निर्माता कंपनियों से कफ सिरप खरीदकर उसका बड़े पैमाने पर तस्करी के लिए डायवर्जन किया जा रहा था। लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर, खीरी, बहराइच आदि जिलों से कफ सिरप नेपाल भेजा जा रहा था। इसी तरह बनारस और गाजियाबाद की फर्में बांग्लादेश भेज रही थीं। खासकर झारखंड की कंपनी बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन कर रही थी, जिसका सुपर स्टॉकिस्ट मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल की फर्मे सैली ट्रेडर्स थी।
आलोक सिंह से जेल में होगी पूछताछ
ईडी के अधिकारी जल्द ही शुभम जायसवाल के साथ नशीले कफ सिरप की तस्करी करने वाले आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा से जेल में पूछताछ करेंगे। इसी वजह से दोनों आरोपियों के ठिकानों पर नोटिस चस्पा नहीं किया गया है। पूछताछ से पहले उनकी फर्मों, बैंक खातों, कंपनियों, चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है ताकि उसके आधार पर सवाल किए जा सके।
जांच के दायरे में दो सीए
इसके अलावा ईडी की जांच के दायरे में दो चार्टर्ड अकाउंटेंट तुषार और विष्णु अग्रवाल भी आ चुके हैं। दोनों आरोपियों की फर्मों का हिसाब-किताब रखते थे और उनके द्वारा किए जा रहे गैरकानूनी कामों पर पर्दा डाल रहे थे। ईडी दोनों को जल्द समन जारी कर पूछताछ के लिए तलब करने जा रहा है।
इन जिलों में दर्ज हुई एफआईआर
वाराणसी – 38
जौनपुर – 16
कानपुर नगर – 08
गाजीपुर – 06
लखीमपुर खीरी – 04
लखनऊ – 03
अन्य जिले – 43
एसटीएफ को छका रहा नरवे, विदेश भागने की आशंका
लखनऊ में नशीले कफ सिरप सिंडीकेट का अहम सदस्य आजमगढ़ निवासी विकास सिंह नरवे एसटीएफ को छका रहा है। एसटीएफ बीते 5 दिन से उसकी तलाश में पूर्वांचल के कई जिलों में खाक चुकी है, लेकिन उसका कोई सुराग हाथ नहीं लग रहा है।
सूत्रों की मानें तो एसटीएफ की टीम जिस लोकेशन पर उसे तलाशने पहुंचती है, उससे पहले ही वह फरार हो जाता है। सिंडीकेट के सरगना शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह की तरह नरवे भी पूर्व सांसद एवं बाहुबली धनंजय सिंह का करीबी है।
दरअसल, अमित सिंह टाटा के गिरफ्तार होने के बाद उसने कबूला था कि विकास सिंह नरवे ने उसकी मुलाकात शुभम जायसवाल से कराई थी। ऐसा ही बयान बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह ने भी एसटीएफ को दिया है।शुभम और अमित की तरह नरवे भी चुनाव लड़ने की फिराक में था। पूर्वांचल के तमाम बाहुबलियों से संपर्क होने के बाद वह आजमगढ़ में अपना दबदबा कायम करता जा रहा था। अब एसटीएफ उसकी तलाश में आजमगढ़ से लेकर लखनऊ तक छापे मार रही है।
उसके एक माफिया के संरक्षण में होने और दुबई भाग जाने की आशंका भी जताई जा रही है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला के लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान विकास सिंह नरवे जौनपुर में खासा सक्रिय था और अपने लाव-लश्कर के साथ लगातार प्रचार कर रहा था।
उसे आखिरी बार राजधानी के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कैबिनेट मंत्री के साथ देखा गया था। इसके अलावा विकास सिंह, गौरव जायसवाल समेत कई अन्य आरोपियों की तलाश भी जारी है।


