गुजरात: खोडलधाम में हर समाज के महापुरुषों की लगेंगी प्रतिमाएं

अहमदाबाद, देश व दुनिया में गुजरात के लेउवा पटेल समाज की आस्था का केंद्र बने खोडलमाता मंदिर खोडलधाम का पंचवर्षीय पाटोत्सव संपन्न हुआ। वर्चुअल समारोह व यज्ञ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, शिक्षामंत्री जीतूभाई वाघाणी, उद्योगपति तुलसी तांती समेत कई प्रमुख लोगों ने भाग लिया। मुख्य ट्रस्टी नरेश पटेल ने समापन समारोह में बताया कि खोडलधाम परिसर में हर समाज के महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। राजकोट के नजदीक कागवड गांव में खोडलधाम की स्थापना के पांच साल पूरे होने के उपलक्ष में शुक्रवार को महाआरती, यज्ञ के साथ वर्चुअल पाटोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया। करीब 10 हजार स्थलों पर एलसीडी टीवी लगाकर पाटोत्सव का लाइव प्रसारण किया गया। देश व दुनिया के हजारों पाटीदार इसमें आनलाइन शामिल हुए। खोडलधाम ट्रस्ट कागवड पर बनाई गई एक दस्तावेजी फिल्म इसमें दिखाई गई। इसके बाद मुख्य ट्रस्टी नरेश पटेल व अन्य सदस्यों ने मंदिर शिखर पर 52 गज का ध्वज चढ़ाया। इसके बाद मंदिर परिसर में स्थापित 21 देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना व महाआरती की गई।

इस कार्यक्रम में राज्य के अन्न व नागरिक आपूर्ति मंत्री जयेश रादडिया, भाजपा नेता डा भरत बोधरा, ट्रस्ट के अन्य सदस्य शामिल हुए। जबकि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, शिक्षामंत्री जीतूभाई वाघाणी, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल, राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, उद्योगपति तुलसी तांती आदि ने इसमें आनलाइन शिरकत कर यज्ञ व महाआरती की। मुख्य ट्रस्टी नरेश पटेल ने इसमें बताया कि वर्ष 2022 में समाज शिक्षा, संसकार, स्वास्थ्य व खेलकूद आदि क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। युवक-युवतियों को विविध क्षेत्रों में प्रशिक्षण, रोजगार आदि में मदद करेगा। खोडलधाम आज हर समाज के आस्था का केंद्र बन गया है। मां खोडल के रथ को प्रदेश के हर क्षेत्र व समाज का सहयोग व सम्मान मिला। हर समाज का इस पर ऋण है, इसलिए यहां पर हरेक समाज के महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। ट्रस्ट की ओर से युवक-युवतियों, समाज व राष्ट्र के विकास में योगदान देने को कई प्रकल्प शुरू किए गए। इनमें युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रशिक्षण, श्रीखोडलधाम समाधान पंच, श्रीखोडलधाम मैरिज ब्यूरो के अलावा शिक्षा, खेतीबाड़ी, पशुपालन आदि के प्रति जागरूकता के भी प्रयास किए गए।